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29 जुलाई 2022

5.56 mm इंसास राइफल ट्रिगर मैकेनिज्म का IWT सरल भाषा में

 पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने इंसास राइफल के चाल और फायर करना  आदि के बारे जानकारी प्राप्त की  और अब इस इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग के छठे   लेसन में हम 5. 56 राइफल के थ्री राउंड  ट्रिगर मैकेनिज्म  के  IWT सरल भाषा    में जानेगे(5.56 mm INSAS Rifle ke Three Round Brust TRB  trigger mechanism ke Integrated Weapon Training Module saral bhasha me  IWT) ! इस पोस्ट को आसान बनानके लिए हमने इसे कांस्टेबल के बेसिक ट्रेनिंग में जिस क्रमबद्ध तरीके से सिखाया जाता है उसी क्रम में लिखेगे !

1. शुरू-शुरू का काम:-

  • (क) क्लास की गिनती और ग्रुपों में बॉट
  • (ख) हथियार और सामान का निरीक्षण
  • (ग) बंदोबस्ती की कार्यवाही

2. दोहराई : दोहराई पिछले पाठ से (चाल और रोकों से ले)

3. पहुँच - इन्सास राइफल की बनावट में चंद आधुनिक तब्दीलियों की गई हैं, जिससे इस राइफल की

एक्यूरेसी बढ़ जाती है. इसलिए यह निहायत जरूरी है कि आप सभी इस राइफल के ट्रिगर मैकेनिज्म

के बारे में जानकारी रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकें।

4. उद्देश्य-5.5 एमएम. राइफल के ट्रिगर मैकेनिज्म के बारे में जानकारी देना है ।

5. सामान-राइफल, मैगजीन, स्काइव, इजल, ब्लैकबोर्ड, चौक डस्टर, ट्रिगर मैकेनिज्म का चार्ट और

ग्राउण्डशीट।

6. भागों में बॉट:-

  • भाग 1-ट्रिगर मैकेनिज्म

  • भाग 2-टी०आर०बी० मैकेनिज्म

भाग 1

ट्रिगर मैकेनिज्म

ट्रिगर मैकेनिज्म :- ट्रिगर की चाल में आनेवाले हिस्से पुर्जे इस प्रकार हैं ।

  • a) सेफ्टी सियर असेम्बली - सेफ्टी सियर, स्प्रिंग सेफ्टी सियर, पिन सेफ्टी सियर, हैमर,सिंग हैमर, पॉल हैमर, सिंग पॉल हैमर, पिन एक्सीस हैमर,ट्रिगर, सियर, स्प्रिंग सियर। 
  • (b) हैमर असेम्बली - हैमर रीसेस फॉर सेफ्टी सियर, प्लेटफार्म, हैमर रिटर्न स्प्रिंग। 
  • (c) ट्रिगर असेम्बली - ट्रिगर सियर, क्लों, टेल। 
  • (d) व्हील असेम्बली- स्प्रिंग हैमर, पॉल हैमर, सिंग पॉल हैमर, स्लेक्टर प्लेट। 
  • (e) चेंज लीवर असेम्बली - चेंज लीवर, स्टेम, रिसेस फॉर स्लेक्टर प्लेट, लग । 

भाग 2 
टी०आर०बी० मैकेनिज्म

टी०आर०बी० मैकेनिज्म - टी०आर०बी० असेम्बली के हिस्से-पूर्जे इस प्रकार हैं:

  • (a) बॉक्स 
  • (b) एक्सिस पिन 
  • (c) प्लेट स्लेक्टर 
  • (d) रिचट व्हील 
  • (e) रिचेट प्लेट (ट्रिपिंग प्लेट)

  • (f) सिंग

टी०आर०बी० मैकेनिज्म
टी०आर०बी० मैकेनिज्म
  • तीन राउण्ड कन्ट्रोल बट मैकेनिज्म को चेंज लीवर और हैमर के बीच में फिट किया गया है, जब चेंज लीवर का पोजीशन बी पर करते हैं, तो उसका लग प्लेट स्लेक्टर को नीचे दबा देता है, जिससे रिचेट व्हील पॉल के रेडियल पाथ में आ जाता है । ट्रिगर दबता है, तो हैमर सियर से आजाद हो जाता है और फायरिंग पिन पर ठोकर मारता है, जिससे पहला राउण्ड फायर हो जाता है। पॉल रिचेट के ऊपर वाले दाँत में फंस जाता है।
  • जब रोटेटिंग बोल्ट और पिस्टन एक्सटेन्शन पीछे को हरकत करते हैं तो रिचेट व्हील अपनी जगह पर बरकरार रहता है. पॉल सिंग के बरखिलाफ दब जाता है और हैमर पीछे दब जाता है । इस समय ट्रिगर दबे होने के कारण हैमर को ट्रिगर सियर नहीं रोक पाता है. इससे दूसरा राउण्ड फायर हो जाता है । इस समय रॉकेट व्हील का दूसरा दाँत पॉल के साथ फंस जाता है । रॉकेट व्हील का पिछला, ऊपर वाला दाँत एजीलरी सियर को पीछे दबा देता है ।
  • जब चाल वाले पुर्जे पीछे का हरकत करते हैं, तो हैमर को नही ट्रिगर सियर और न ही एग्जीलरी सियर रोक पाता है। इस प्रकार तीसरा राउण्ड फायर हो जाता है। जब तीसरा राउण्ड फायर हो जाता है, तो पॉल रिचेट के सबसे नीचे तीसरे दाँत में फंस जाता है । ट्रिपिंग प्लेट नीचे बने प्रोजेक्शन को नीचे दबा देता है । पुर्ज पीछे आते हैं. पॉल भी हैमर के साथ पूरा पीछे घूम जाता है। इस समय पॉल और रिचेट व्हील का मिलाप टूट जाता है । ट्रिपिंग प्लेट से रिचेट व्हील का दबाव उठ जाता है और एग्जीलरी सियर आजाद हो जाता है। जब हमर पीछे आता है तो एग्जीलरी सियर हैमर पर सवार हो जाता है और हैमर रुक जाता है। इस प्रकार तीन राउण्ड फायर होने के बाद तबतक फायर नहीं होगा जबतक ट्रिगर को रीलिज करके दोबारा प्रेस नहीं किया जाय ।

टी०आर०बी० मैकेनिज्म इस हथियार की विशेषता है । चेन्ज लीवर का पोजीशन आर पर होने से इन्सास राइफल सिंगल शॉट फायर करती है । चेन्ज लीवर का पोजीशन एस पर हो तो राइफल फायर नहीं

इस प्रकार से टी०आर०बी० मैकेनिज्म का ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा !

इसके साथ ही 5.56 mm इंसास राइफल के टी०आर०बी० मैकेनिज्म से सम्बंधित IWT का पाठ समाप्त हुवा !उम्मीद है की आपलोगों के ए पोस्ट पसंद आएगी !इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे!

इसे भी  पढ़े :
  1. भारतीय पुलिस ड्रिल ट्रेनिंग में इस्तेमाल होने वाले परेड कमांड का हिंदी -इंग्लिश रूपांतरण
  2. ड्रिल में अच्छी पॉवर ऑफ़ कमांड कैसे दे सकते है
  3. ड्रिल का इतिहास और सावधान पोजीशन में देखनेवाली बाते
  4. VIP गार्ड ऑफ़ ऑनर के नफरी और बनावट
  5. विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  6. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवा



27 जुलाई 2022

5. 56 राइफल के से शिस्त लेना और फायर करने IWT सरल भाषा में जानेगे

 पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने 5.56 mm इंसास राइफल के भिन्न भिन्न पोजीशन से फायर करना के  बारे जानकारी प्राप्त की  और अब इस इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग के चौथा  लेसन में हम 5. 56 राइफल के से शिस्त लेना और फायर करने  IWT सरल भाषा   में जानेगे(5.56 mm INSAS Rifle ka IWT  Shist lena aur Fire kana saral bhasha me  IWT) ! इस पोस्ट को आसान बनानके लिए हमने इसे कांस्टेबल के बेसिक ट्रेनिंग में जिस क्रमबद्ध तरीके से सिखाया जाता है उसी क्रम में लिखेगे !
1. शुरू-शुरू का काम -
  • (क) क्लास की गिनती और ग्रुपों में बॉट
  • (ख) हथियार और सामान का निरीक्षण
  • (ग) बंदोबस्ती की कार्यवाही
2 दोहराई- दोहराई पिछले पाठ से दुरुस्त पोजीशन और मजबूत पकड़ से लिया जाय)
3. पहुँच - दुरुस्त शिस्त अचूक निशानेबाजी का दूसरा बुनियादी उसूल है । अगर एक फायरस दुरुस्त
और पोजीशन हासिल करने के बाद दुरुस्त शिस्त लेकर फायर करता है तो एक गोली एक दुश्मन का मुद्दा हासिल कर सकता है।
4. उद्देश्य - 5.56 एम.एम. राइफल से शिस्त लेना और फायर करने का तरीका सिखाना है (उद्देश्य को
दोहराया जाये)।
5. सामान - राइफल, मैगजीन, एमिंग रेस्ट, एमिंग बॉक्स. एभिंग करेक्टर, साइट पिक्चर बोर्ड, इजेल,
ब्लैक बोर्ड, चौक-डस्टर, टारगेट और ग्राउण्डशीट।
6. भागों में बाँट-
  • भाग 1- दुरुस्त शिस्त लेना ।
  • भाग 2- शिस्त लेते समय होनेवाली गलतियों और सुधारक एक्सरसाइज ।
  • भाग 3-ट्रिगर ऑपरेशन और फायर करना ।
भाग 1-
दुरुस्त शिस्त लेना
दुरुस्त शिस्त लेना :- फायरर अपनी आँख और दिमाग का सही तालमेल रखते हुए हथियारों के ऊपर लगे साइटों का सही-सही इस्तेमाल करके टारगेट पर 'प्वाइन्ट ऑफ एम' चुनता है. इस कार्रवाई को दुरुस्त शिस्त लेना कहते हैं।
शिस्त का कायदा- राइफल को सीधा और मजबूत पकड़ो, बट और कोका मिलाप करो कोई एक आँख बंद करो, अपरचर हॉल से फोरसाइट नोज पर निगाह जमाओ, फोरसाइट की नोज अपरचर हॉल के बीचोंबीच दिये गये टारगेट के मध्य में मिलाओ। वापस निगाह फोरसाइट नोज पर करो ।
साइट एलाइनमेन्ट (Alignment)- जब एक फायरर अपनी आँख को बैंकसाइट अपरचर के बीच में रखते हुए और अपरचर के बीच से देखते हुए फोस्साइट नोज को अपरचर के मध्य लाता है यानी कि फायस की आँख अपरचर के मध्य और फोरसाइट नोज को एक लाईन में मिलाने की कार्रवाई को साइट एलाइनमेन्ट कहते हैं।
साइट पिक्चर (Picture)- दुरुस्त एलाइन की गई साइट को टारगेट के मध्य में मिलाने की कार्रवाई को साइट पिक्चर कहते हैं । यानी कि फायर की आँख. अपरचर का मध्य फोरसाइट नोज और टारगेट के मध्य को एक लाईन में मिलाने की कार्रवाई को साइट पिक्चर कहते हैं । साइट पिक्चर से साइट एलाइनमेन्ट की अहमियत अधिक है।
भाग 2-
शिस्त लेते समय होनेवाली गलतियाँ और सुधारक एक्सरसाइज
शिस्त लेते समय होनेवाली गलतियाँ और सुधारक एक्सरसाइज:- एक फायर सही शिस्त लेकर फायर करता है फिर भी कभी-कभी उसकी गोली उसके निशाने से हटकर लगती है, क्योंकि एक इनसानी आँख एक ही समय में दो निशानों पर फोकस नहीं कर सकती । इसको महसूस करने के लिए आप अपने बायें हाथ के अंगूठे को खड़ा करते हुए टारगेट के मध्य में देखें तो अंगूठा धुंधला दिखाई देगा और जब आप अंगुठे को देखेंगे तो टारगेट का मध्य धुंधला दिखाई देगा । इसे साइट एलाइनमेन्ट की गलती कहते हैं | फायरर जब फोरसाइट नोज को अपरचर के मध्य में रखने पर जोर देता है तो साइट पिक्चर की गलती करता है । दोनो गलतियों से गोली टारगेट के मध्य से हट कर लगती है । साइट एलाइनमेन्ट की गलती बढ़ते रेंज पर बढ़ती जाती है । इसलिए साइट पिक्टर के बनिस्बत साइट एलाइनमेन्ट की अहमियत ज्यादा है।
सुधारक एक्सरसाइज :
एमिंग बॉक्स
एमिंग बॉक्स 
एमिंग बॉक्स एक्सरसाइज- इस एक्सरसाइज में फायर शर्ट एमिंग रेस्ट के पीछे पोजीशन लेता है और अनुदेशक एमिंग बॉक्स पर होता है । इसकी दूरी 10 मीटर होती है | फायरर के इशारे के मुताबिक अनुदेशक एमिंग डिस्क को हरकत देता है । जब फायर स्टॉप बोलता है तो अनुदेशक एमिंग डिस्क के हॉल से पेंसिल का निशान लगाता है । इस प्रकार फायरर तीन बार अभ्यास करते हुए साइट एलाइनमेन्ट की जगह को टारगेट के मध्य में लाता है। तीनो बार के निशान 7 मि०मी० के रेडियस में आने के बाद फायरर शॉर्ट ग्रुप काबिलियत हासिल कर लेता है।
एमिंग करेक्टर एक्सरसाइज:- इस एक्सरसाइज में राइफल के बैकसाइट के पीछे एमिंग करेक्टर लगा दिया जाता है । इसके बाद अनुदेशक फायर द्वारा ली गई शिस्त को चेक करता है और जरूरतशुदा करेक्शन देकर दुरुस्त करता है ।
एमिंग बार एक्सरसाइज :- फायरर एमिंग बार को पकड़ता है और साइटों को तबतक हरकत देता है जबतक की साइट एलाइनमेन्ट दुरुस्त न हो जाय ।
भाग 3-
ट्रिगर ऑपरेशन और फायर करना
ट्रिगर ऑपरेशन और फायर करना :ट्रिगर ऑपरेशन- अंगुली के पहले और दूसरे जोड़ के बीच की जगह को ट्रिगर पर रखे। ट्रिगर के दो खिचाव है. पहला हल्का और दूसरा थाड़ा सख्त । बताई गई जगह से ट्रिगर का साधा पीछे की ओर खीचे और यही कार्रवाई दूसरे खिचाव के साथ भी करे । ध्यान रहे कि ट्रिगर दबाते समय बैरल अपनी जगह से दाहिने-बायें नहीं हिले ।
फायर करना- अलग-अलग हालातों में निकलनेवाले टारगेट पर कारगर फायर डालने की काबिलियत के लिहाज से इस राइफल को बनाया गया है ।
फायर की किस्में - इस राइफल से दो किस्म के फायर किए जाते हैं।
  • (क) सिंगल शॉट (नमूना बयान के साथ नकल) :
    • (a) सही पोजीशन अख्तियार करें, कुदस्ती एलाइनमेन्ट चेक करें ।
    • (b) हथियार को भरेंऔर रेडी करें सही साइट लगाएँ और साइट एलाइनमेन्ट हासिल करे ।
    • (c) दिमागी तौर पर शरीर के उन अंगों को चेक करें, जो राइफल को रोकने में मदद करते हैं । जैसे बायें हाथ की कलाई. कोहनी और बायर्यों कंधा. दाहिने हाथ की पकड़, कलमे वाली अंगुली,कलाई. कोहनी और दाहिने कंधे में बट का पोजीशन ।
    • (d) सॉस को सामान्य हालत में चलने दें. ताकि यह पता चल जाय कि यह पोजीशन ठीक है 
    • (e) बैकसाइट अपरचर के मध्य में फोरसाइट नोज को करते हुए टारगेट के मध्य में मिलाएँ।
    • (f) ट्रिगर का पहला दवाब हासिल करें। कुछ सेकेण्ड के लिए साँस को रोके । साइट पिक्चर चेक करें । अपना पूरा ध्यान फोरसाइट नोज पर लगायें और धीरे से दूसरा खिचाव हासिल करें । गोली फायर हो जायेगी। उसी पोजीशन से पकड़ और शिस्त को कायम रखते हुए फोरसाइट नोज की हरकत को चेक करें ।
    • (g) स्टॉप - फायर के दौरान टारगेटवाले इलाके में अचानक जानदार वस्तु निकल आये या ट्रेनिंग के दौरान आदेश मिले स्टॉप तो कार्रवाई इस प्रकार करें (नमूना बयान से) । कलमे वाली अंगुली ट्रिगर से बाहर निकालें। राइफल को नीचे लाएँ और चेंज लीवर का पोजीशन 'एस' पर करें।
    • (h) गो आन - सामनेवाले इलाके से जानदार वस्तु हट जाय या ट्रेनिंग के दौरान आदेश मिले गो आन, तो राइफल को कंधे में ले जाएँ, चेंज लीवर के पोजीशन को एस से 'आर' पर करें और राइफल को फायर में शामिल करें।
  • (ख) कंट्रोल बस्ट फायर -थ्री राउण्ड कंट्रोल बर्स्ट उसे कहते हैं, जब चेंज लीवर का पोजीशन 'बी' पर हो। एक बार ट्रिगर दबाने के बाद तीन राउण्ड लागातार फायर हो जाता है। इन्सास राइफल की यह इससे तीन राउण्ड का कट्रोल बस्ट फायर कर सकतहा स्टाप और गोआन का कारवाही हू-बहू ऊपर बताये अनुसार ही है।

इस प्रकार से इंसास राइफल के शिस्फात लेना और फायर करने का तरीका से सम्बंधित यह पोस्ट समाप्त हुई !

इसके साथ ही 5.56 mm इंसास राइफल के शिस्फात लेना और फायर करने का तरीका से सम्बंधित IWT का पाठ समाप्त हुवा !उम्मीद है की आपलोगों के ए पोस्ट पसंद आएगी !इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे!

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  2. ड्रिल में अच्छी पॉवर ऑफ़ कमांड कैसे दे सकते है
  3. ड्रिल का इतिहास और सावधान पोजीशन में देखनेवाली बाते
  4. VIP गार्ड ऑफ़ ऑनर के नफरी और बनावट
  5. विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  6. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवा


24 जुलाई 2022

5.56 mm राइफल के भिन्न भिन्न फायरिंग पोजीशन की IWT सरल भाषा में जानेगे

पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने इंसास राइफल के मैगज़ीन का भरना ,खाली करना मेक सेफ, साईट लगाना आदि के बारे जानकारी प्राप्त की  और अब इस इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग के थर्ड   लेसन में हम 5. 56 राइफल के भिन्न भिन्न फायरिंग पोजीशन की IWT सरल भाषा    में जानेगे(5.56 mm INSAS Rifle ke firing position ka Integrated Weapon Training Module saral bhasha me  IWT) ! इस पोस्ट को आसान बनानके लिए हमने इसे कांस्टेबल के बेसिक ट्रेनिंग में जिस क्रमबद्ध तरीके से सिखाया जाता है उसी क्रम में लिखेगे !

56 राइफल के भिन्न भिन्न फायरिंग पोजीशन
56 राइफल के भिन्न भिन्न फायरिंग पोजीशन

1. शुरू-शुरू का काम :-

  • (क) क्लास की गिनती और गुपों में बाँट
  • (ख) हथियार और सामान का निरीक्षण
  • (ग) बंदोबस्ती की कार्यवाही
2 दोहराई :- दोहराई पिछले पाठ से (राइफल को भरना-खाली करना. रेडी और मेकसेफ से लिया जाय)

3. पहुँच :- राइफल को कई पोजीशनों से फायर किया जाता है लेकिन पोजीशन ऐसा हो कि आसानी से किया जा अख्तियार किया जा सके और हथियार पर मजबूत पकड़ हासिल कर सके । जरूरत पड़ने पर कौन सा पोजीशन अख्तियार किया जाय, यह आड़ पर निर्भर करता है।

4. उद्देश्य:-भिन्न-भिन्न पोजीशनों से 5.56 मि०मी० इन्सास राइफल की दुरस्त पकड हासिल करने का

तरीका सिखाना है (उद्देश्य को दोहराया जाये)।

5. सामान :- राइफल, मैगजीन, ड्रील काट्रिज, सभी प्रकार के आड़, टारगेट और ग्राउण्डशीट। 6. भागों में बाँट -

  • भाग 1- लाइन और निलिंग पोजीशन ।
  • भाग 2- सीटिंग और स्टैडिंग पोजीशन । 
 भाग -1
लाईन और निलिंग पोजीशन

लाईन और निलिंग पोजीशन :-किसी भी फायरिंग पोजीशन के तीन बुनियादी उसूल हैं

  • (क) हड़ियों का सपोर्ट
  • (ख) मांसपेशियों में अरामदेह
  • (ग) कुदरती सिधाई।

लाईन पोजीशन:- लाईन पोजीशन सभी पोजीशनों का एक बुनियादी पोजीशन है । इसमे बदन का खाका छोटा बनता है । साथ ही अपने हथियार से दुश्मन के ऊपर कारगर फायर डाला जा सकता है।

पोजीशन लेने का तरीका :- टारगेट की सीध में खड़े हों और चलती हालात में बायें पैर को आगे और बाएँ करें। साथ ही राइफल को इस प्रकार उछालें कि बायें हाथ की पकड़ फोरहेण्ड-गार्ड पर हो और दायें हाथ की मदद से हथेली से जमीन का सहारा लेते हुए लेट जायें | इस पोजीशन में देखने वाली बातें इस प्रकार है :-

  • (क) फ्लैश एलिमिनेटर जमीन से ऊपर हो
  • (ख) बदन टारगेट से तिरछा हो और पैर कद के मुताबिक खुला हो तथा हो सके तो दोनो पैर की एड़ियाँ जमीन से सटी हों
  • (ग) बदन के नीचे कोई चुभने वाली चीज न हो और छाती उठा हुआ हो ।

कुदरती सिचाई:- पोजीशन लेने के बाद राइफल को दाहिने खे और बायें हाथ की कोहनी को। तबतक हरकत दें. जबतक कि टारगेट की सीध में न आ जाएँ। दाहिनी कोहनी को दाहिने कंधे के नीचे और थोड़ा बाहर की तरफ रखते हुए दोनो हाथों की हथेली को एकसाथ मिलायें और ठुड्डी के नीचे लगाकर आँखें बंद करें और बदन के तनाव को महसूस करें। अगर बदन में तनाव है तो बदन को दाहिने-बार का हरकत देकर तनाव को दूर करें लेकिन ध्यान रहे कोहनी अपनी जगह से हिलने न पाये। कोहनी की जगह को मार्क कर दिया जाय ।

दुरुस्त पकड़ -

  • राइफल पर दुरुस्त पकड़ हासिल करने के लिए कंधे में ले जाये।
  • बायें हाथ की पकड़ हैण्डगार्ड पर, दाहिने हाथ की पकड़ पिस्टन ग्रिप पर चार अंगुलियों बाहर से और अंगूठा अंदर से, कलमे वाली अंगुली ट्रिगर गार्ड पर ।
  • बट कंधे की मुलायम जगह पर मजबूती से जमा हुआ हो ।
  • सिर बट के ऊपर इस प्रकार रखा जाय कि गाल बट के साथ लगा हो ।
  • फायरर इस बात पर ध्यान दे कि सिर का पोजीशन बट पर एक जैसा हो ।
  • आँख बैकसाइट अपरचर से एक बराबर दूरी पर होनी चाहिए ।
  • बट को हड्डी पर न रखा जाय।

बायाँ हाथ:-बायाँ हाथ राइफल को नीचे जाने से रोकता है और हैण्डगार्ड के नीचे सपोर्ट का काम करता है।

दायों हाथ :- दायाँ हाथ राइफल को पीछे खींचकर रखता है और समानान्तर बनाये रखता है। कंधा - कंधा बट को टिकाने के लिए जगह देता है. साथ ही राइफल को पीछे जाने से रोकता है।

दाहिनी कोहनी:-दाहिनी कोहनी बदन से दाहिने और आगे हो ताकि दोनो कंधे तकरीबन बराबरी पर हों और फायर के पोजीशन में बैलेंश बनाये रखे।

सॉस :-अगर हम फायरिंग के दौरान आम तरीके से साँस लेते रहे तो छाती के ऊपर-नीचे होने से राइफल में कम्पन होता है । इसलिए फायर करने से पहले एक लम्बी साँस लें. थोड़ी साँस छोड़ें और फिर सॉस को रोक दें। इसके बाद शिस्त लें और फायर करें। ध्यान रहे कि सॉस 10 या 12 सेकेण्ड से ज्यादा नरोकी जाय।

निलिंग पोजीशन :-

  • निलिंग पोजीशन तैयार करने के लिए टारगेट की तरफ फेस करें बायें पाँव को टारगेट की सीध में करें ।
  • साथ ही राइफल को आगे उछालते हुए बायें हाथ से पकड़ें ।
  • मजल आगे और ऊपर की तरफ हो और दाहिने घुटने को दाहिने रखते हुए बैठ जाएँ ।
  • अगर संभव हो तो बदन का बोझ दाहिनी एडी पर हो ।
  • बायीं कोहनी को बायें घुटने पर इस प्रकार स्खें कि कोहनी की हड्डी घुटने की हड्डी से अलग हो ।
  • दाहिने हाथ से पिस्टन ग्रिप को पकड़ें और बट को दाहिने कंधे की गैप में जमाएँ और दाहिनी
  • कोहनी को ऊपर और जमीन के समानान्तर रखें ।
  • आवश्यकता पड़ने पर अनसपोर्टेड फायर भी किया जाता

भाग- 2

सिटिंग और स्टैंडिंग पोजीशन

सिटिंग पोजीशन- जब आर मिलिंग पोजीशन से छोटा हो या जमीन ढलानदार हो तो सिटिंग पोजीशन का इस्तेमाल किया जाता है । दालान पर पोजीशन लेते समय दोनो पैर की एड़ियाँ जमीन पर जमा दी जाती हैं, जिससे बदन को स्थिरता मिलती है।

इस पोजीशन को अख्तियार करने के लिए कार्रवाई इस प्रकार करें-

  • यह पोजीशन तैयार करने के लिए टारगेट की तरफ मुँह करें आधा दाहिने मुड़ें और पाँव को जरूरत के मुताबिक खोलें तथा दोनो पाँव को स्थिर रखते हुए नीचे बैठ जाएँ। बायें हाथ की कोहनी बायें घुटने के अन्दर की तरफ रखें।
  • दाहिने हाथ ग्रिप को पकड़े हुए बट को कंधे में ले जाएँ और दाहिनी कोहनी को दाहिने घुटने के अंदर रखते हुए लॉक

स्टैंडिंग पोजीशन- स्टैंडिंग पोजीशन से हम टारगेट पर उस वक्त फायर करते हैं, जबकि उस टारगेट पर किसी दूसरे पोजीशन से फायर करना मुनासिब न हो या हरकत के दौरान जब अचानक टारगेट सामने आये तब भी स्टैंडिंग पोजीशन से फायर किया जाता है।

स्टैडिंग पोजीशन अख्तियार करने के लिए कार्रवाई इस प्रकार है-

  • टारगेट की तरफ मुंह करो।
  • आधा दाहिने मुडो, साथ ही राइफल को आगे उछालते हुए बायें हाथ में इस प्रकार पकड़ो की मजल ऊपर की तरफ और बट कुल्हे के सामने हो तथा पाँव कद के मुताबिक खुले हों ।
  • दाहिने हाथ से पिस्टन ग्रिप को पकड़े हुए बट को दाहिने कंधे के गैप में टिकाओ ।
  • दाहिनी कोहनी को ऊपर उठाओ. ताकि कंधे में बट के लिए अच्छी जगह बने और राइफल को मजबूती से पकड़ा जा सके ।
  • इस प्रकार राइफल का ज्यादा से ज्यादा वजन दाहिने हाथ में होगा।
  • बायें हाथ से राइफल को बाकी पोजीशनों की अपेक्षा थोड़ा आगे से पकड़ो।
  • ऐसा करने से राइफल को सहारा मिलेगा। पोजीशन को दुरुस्त करने के लिए पॉव को उस वक्त तक हरकत दो जब तक की दुरुस्त तौर पर निशाना ले सको।
  • बदन का बोझ दोनो पाँव पर बराबर होना चाहिए।

अनुदेशक संकेत:- बबल एरिया - शिस्त लेते वक्त राइफल का फोरसाइट टारगेट के मध्य के ऊपर-नीचे या दाय-बायें, जो इलाका कवर होता है उसे बवल एरिया कहते हैं । यह हरकत कुदरती है. जिसको पूरी तरह दूर नहीं किया जा सकता है । जितना ज्यादा राइफल को सहारा मिलेगा उतना ही बदल एरिया कम होगा।

संक्षेप:-विषय के अनुसार क्लास से सवाल-जवाब

इस प्रकार से इंसास राइफल के इंसास राइफल को भिन्सन भिन्मान पोजीशन से फायर करने का तरीका से सम्प्तबन्धी इवत समाप्त हुई !

इसके साथ ही 5.56 mm इंसास राइफल के इंसास राइफल को भिन्सन भिन्मान पोजीशन से फायर करने का तरीका से सम्बंधित IWT का पाठ समाप्त हुवा !उम्मीद है की आपलोगों के ए पोस्ट पसंद आएगी !इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे!

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  3. ड्रिल का इतिहास और सावधान पोजीशन में देखनेवाली बाते
  4. VIP गार्ड ऑफ़ ऑनर के नफरी और बनावट
  5. विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  6. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवा

5.56 mm इंसास राइफल की वाकफियत और खोलना जोड़ना आसन भाषा में सीखे

पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने  एसएलआर राइफल के बेसिक टेक्निकल डाटा (7.62 mm SLR Rifle ki technical data)के बारे में जानकारी प्राप्त किये थे और अब इस नई ब्लॉग पोस्ट में हम 5.56 mm इंसास राइफल की वाकिफियत, खोलना और जोड़ना IWT (INSAS Rifle ke Integrated Weapon Training module) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे ! इस इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग (IWT) को आसानी से समझने के लिए हमने ट्रेनिंग स्कूल में जिस क्रमबद्ध तरीके से ट्रेनिंग दी जाती है वैसे ही बता रहा हु !   
1. शुरू शुरू का काम 
  • क्लास की गिनती और ग्रुपों में बांट। 
  • हथियार और सामान का निरीक्षण। 
  • बंदोबस्ती की कारवाही। 
2. परिचय: 5.56 mm इंसास राइफल जवान का एक जातीय हथियार है इसलिए यह जरुरी है की हर एक जवान को अपने जातीय हथियार के बेसिक तकनिकी जानकारी होना चाहिए ताकि ओ अपने जातीय हथियार को अच्छी तरह से हैंडल कर सके !यह हथियार 7.62 mm एसएलआर राइफल से 25 %  हल्का और 70% कम रेकोइल देने वाला हथियार है जो फायर करना आरामदेह होता है !

3. उद्देश्य: 5.56  एमएम इंसास  राइफल की के तक्तिनी डाटा के बारे में जानकारी आसान शब्दों में सीखना है। 

4.समान: राइफल, मैगजीन, ग्राउंड शीट 

5. भागो में बाँट 
  • भाग 1 इंसास राइफल का टेक्निकल डाटा 
  • भाग-2 इंसास राइफल का खोलना जोड़ना
  • भाग-3 इंसास राइफल की सफाई
 भाग 1
 इंसास राइफल का टेक्निकल डाटा :- फिक्स्ड बट वर्शन 

मुख्य बेसिक डाटा 

s.no

Name

डाटा

1

बिना मगज़ीन राइफल का वजन  

4.018 Kg

2

खाली मगज़ीन के साथ वजन

4.108 kg

3

भरी मगज़ीन के साथ वजन

4.373 kg

4

खाली मगज़ीन का वजन

90 gm

5

भरी मागज़ीन का वजन

355 gm

6

बैनट का वजन

305 gm

7

बैनट की लम्बाई

285 mm

8

बैनट की किस्म

मल्टी परपज

9

फिक्स्ड बट के साथ लम्बाई

960 mm

10

बैनट के साथ लम्बाई

1110 mm

11

बैरल की लम्बाई

464 mm

12

साइड रेडियस

470 mm

13

ग्रुज घुमाव पिच

6 राईट हैण्ड 200 mm

14

मजल वेलोसिटी

900 मी /sec

15

आर्म्स थिकनेस

1 mm

16

कारगर रेंज

400 मी

17

मगज़ीन कैपेसिटी

20 राउंड्स

18

रेट ऑफ़ फायर

नार्मल फायर -60 राउंड्स/मीनट

इंटेंस फायर 150 राउंड/ मीनट

साईंक्लिक रेट ऑफ़ फायर – 600-650 राउंड/ मीनट

19

फायर किये जानेवाले राउंड

i.                     बॉल राउंड  

ii.                   ट्रेसर  राउंड 5.56 mm x 45 mm

iii.                  ब्लैक राउंड

iv.                 एच डी कार्ट्रिज


इंसास राइफल के बनावट में चाँद आधुनिक तब्दिल्या दी गई है ! इस राइफल से हम तीन राउंड ब्रस्ट फायर कर सकते है !
यह राइफल मोटे तौर पर 14 असेंबली की बनी हुई है जो इस जो इस प्रकार है 
इंसास राइफल के असेंबली के नाम
इंसास राइफल के असेंबली के नाम

इंसास राइफल के असेंबली के नाम

s.no

Name

s.no

name

1

बॉडी हाउसिंग असेंबली

8

बैरल असेंबली

3

हैंडल कोच्किंग असेंबली

4

पिस्टन एक्सटेंशन असेंबली

5

ब्रिज ब्लाक असेंबली

6

रिकोइल स्प्रिंग असेंबली

7

ट्रिगर असेंबली

8

बॉडी कवर असेंबली

9

बट असेंबली

10

पिस्टन ग्रिप असेंबली

11

हैण्ड गार्ड असेंबली

12

मगज़ीन असेंबली

13

गैस सिलिंडर असेंबली

14

कोक्किंग हैंडल असेंबली


भाग -2  
इंसास राइफल का खोलना जोड़ना: राइफल को खोलने का तरीका 
  • मैगजीन कैच को दबाते हुए मैगजीन को उतारें 
  • चेंज लीवर को आर पर करें राइफल को कॉक  करें पिस्टन एक्सटेंशन को आगे जाने दे। 
  • चेंज लीवर को एस  पर करें दाहिने हाथ से रिटेनर को आगे की तरफ दबाएं और बाएं हाथ से बॉडी कवर को उठाएं। 
  • रिक्वायर्ड स्प्रिंग असेंबली को बाहर निकाले। 
  • पिस्टल एक्सटेंशन असेंबली को पीछे करते हुए बाहर निकाले। 
  • ब्रिज ब्लॉक को पिस्टन एक्सटेंशन से घड़ी के उल्टे रुक घुमाते हुए बाहर निकाले। 
  • अप्पर हैंड गार्ड को दाहिने हाथ के अंगूठे और अंगुलियों की मदद से बाहर निकाले। 
  • गैस ट्यूब कैच को  ऊपर उठाते हुए गैस सिलेंडर ट्यूब  को बाहर निकाले। 
राइफल को जोड़ना :राइफल के हिस्से पुर्जे जिस क्रम में खोले जाते हैं उसके विपरीत क्रम में जोड़े जाते हैं। जोड़ने से पहले पूर्वजों पर दिया और ओरिजिनल  नंबर मिला लिया जाए। राइफल जोड़ने का क्रम निम्न प्रकार है
  • गैस सिलेंडर और  गैस सिलेंडर ट्यूब  को उठाते हुए जोड़ें। 
  • हैंड गार्ड।
  •  ब्रिज ब्लॉक घड़ी के रूप घुमाते हुए पिस्टन एक्सटेंशन में दाखिल करें
  • पिस्टन एक्सटेंशन असेंबली को बॉडी में दाखिल करे 
  • रेकोयल स्प्रिंग असेंबली को दाखिल करे 
  • बॉडी कवर बंद करते हुए स्टॉपर रिटेनर को दबाये 
  • स्लिंग को लगाये 
  • खली मगज़ीन को चढ़ाए 
राइफल के हिस्से-पुर्जे जोड़ने के बाद कॉक कर उसकी जाँच कर लें । निलिंग पोजीशन से नमूना और क्लास से नकल कराया जाय । अंत में राइफल खुली हुई छोड़ दें ।
भाग 3
इन्सास राइफल की सफाई :- यह जरूरी है कि राइफल की ठीक तरह से साफ-सफाई की जाय और तेल लगाया जाय, ताकि बिना रुकावट राइफल आसानी से चलाई जा सके | सफाई में निम्नलिखित चीजों की जरूरत पड़ती है-
  • (क) तेल 'A' (oilox-52) बोतल सहित
  • (ख) ब्रश क्लीनिंग बोर
  • (ग) ब्रस क्लीनिंग चैम्बर
  • (घ) पुल श्रू
  • (ड.) रॉड क्लीनिंग बैरल
  • (च) टूल एडजस्टिंग फोरसाइट/रियर साइट
  • (छ) टूल रिमूविंग रिपचर्ड केश
  • (ज) चिंदी
  • (झ) ड्रिप्ट |
  • राइफल के रखरखाव में किसी घिसने या रगड़ने वाली वस्तु का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ।
सफाई का प्रकार
1. आम सफाई :- राइफल को कोत से ड्यूटी के लिए निकालते व रखते समय जो सफाई करते हैं औ
राइफल में तेल लगाते हैं, उसे आम सफाई कहते हैं ।
2. फायरिंग से पहले की सफाई :- राइफल को फील्ड स्ट्रिप कर सभी पुों की सफाई करने के साथ
साथ उनकी टूट-फूट की जाँच करनी होगी । यह आरमोरर का काम है कि वो टूट-फूट वाले पुर्जी की बदली कर दें । अगर पुर्जे बदली नहीं होते हैं, तो वह राइफल फायर में सम्मिलित नहीं होगी । मैगजीन
और एम्यूनिशन को साफ करना चाहिए । ब्रीच ब्लॉक फेस, ट्रिगर मैकेनिज्म, रिक्वायल स्प्रिंग में हल्का तेल लगाना चाहिए ।
3. फायरिंग के बाद की सफाई :- राइफल को फील्ड स्ट्रिप कर उसको सफाई करें और पुल थू और चिन्दी की मदद से बोर को इस प्रकार साफ करें कि उसमें गीलापन न रहे । ब्रश क्लिनिंग सिलेन्डर से गैस सिलेन्डर को साफ करें। जब सफाई का काम समाप्त हो जाय तो राइफल के भीतरी और बाहरी भाग में तेल लगा दें । गैस प्लग, पिस्टन एक्सटेन्शन और फायरिंग पिन की सावधानी से सफाई करें, ताकि उनमें गैस फाउलिंग दूर की जा सके |
4. लुब्रिकेशन :- निम्नलिखित तापमान में प्रयोग करनेवाले लुब्रिकेन्ट इस प्रकार हैं -
  • (क) 4°C और अधिक में Oil ox-52 का प्रयोग किया जाता है ।
  • (ख) 4°C से कम -18°C तक 0x-13 या Low Cold Test Oil प्रयोग किया जाता है ।
  • (ग) रेतिले गर्दिले इलाके में ग्रेफायड ग्रीस का प्रयोग किया जाता है ।
अनुदेशक नोट :- सवक के दौरान राइफल के जिस हिस्से-पुर्जे का इस्तेमाल करें, उस हिस्से-पुर्जे का नाम व काम साथ-साथ बताते जायें । नोट : प्रत्येक हथियार की Technical specification और भूमिका अलग से होना चाहिए !

इसके साथ ही 5.56 mm इंसास राइफल से वाकफियत से सम्बंधित IWT का पाठ समाप्त हुवा !इसके साथ ही 5.56 mm इंसास राइफल से वाकफियत   का आसन तरीका  IWT(इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग ) से सम्बंधित ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुई ! उम्मीद है की आपलोगों के ए पोस्ट पसंद आएगी !इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे!
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  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवा


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