Fire fighting लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Fire fighting लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

06 नवंबर 2021

फायर प्रोटेक्टिव क्लोथिंग का परिचय हिंदी में | प्रोटेक्टिव सुइट्स

हमने पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने फायर फाइटिंग के विषय में हम ने फायर एक्सिटिनगुसर(Fire Extinguisher) के बारे में हमने जानकारी प्राप्त की और अब इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेगे की आग को बुझाने के लिए कुछ प्रोटेक्टिव क्लोथ्स हिंदी में (Fire Protective Cloth in hindi) होते है और ओ प्रोटेक्टिव सुइट्स हिंदी में (Fire Protective Suits in hindi) कौन कौन से है !

इसे भी पढ़े :आग कैसे बुझाने का तरीका | Fire Extinguisher |

जैसे की हम जानते है अग्नि शमन यानि की फायर फाइटिंग बहुत ही उपयोगी सर्विस है जिसका अहमियत आज के युग में जहा कल कारखाने तथा तरह तरह के और भी चीजे जैसे विभिन्न तरह के हवाई जहाज तथा हवाई अड्डा और फ्यूल डंप की संख्या आये दिन बढ़ते जा रही है जिसके कारन फायर फाइटिंग सर्विस की जरुरत दिन पर दिन और बढती जा रही है!

जैसे की हमने ऊपर जाना की अग्निशमन सेवा की जरुरत समय के साथ साथ बढ़ते जा रहे है वैसे ही इसमें होने वाली खतरा भी बढ़ रही है ! इन खतरों से निपटने के लिए बहुत तरह के रसायनिक पदार्थ तथा  भिन्न भिन्न तरह के इक्विपमेंट बनाये गए है जिससे की  फायर को आसानी से बुझाया जा सके और इन इक्विपमेंट और स्पेशल व्हीकल के अलावा फायर फाइटर के बचाव के लिए बहुत तरह के प्रोटेक्टिव क्लोथिंग भी बनाये गए है जिससे की फायर फाइटर आग को सुरक्षित तरीके से अपने आप को बचाते हुए आग को प्रभावित तरीके से बुझा सके !

इसे भी पढ़े :आग फैलने के कितने तरीके होते है| आग फैलने के कौन कौन से तरीके होते है ?

जैसे की हमने इस ब्लॉग पोस्ट में पहले ही बता चुके है की हम फायर प्रोटेक्टिव सूट(Fire Protective Cloth) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे ! इस्तेमाल के अनुसार प्रोटेक्टिव क्लोथिंग निम्लिखित केटेगरी के होते है :

  • एप्रोच सूट(Approach suit.) : इस सूट का इस्तेमाल फायर के नजदीक से नजदीक  जाने के लिए किया जाता है जिससे फायर एक्सिटिनगुसर को अच्छी तरह से इस्तेमाल कर सके ! इसका वजन 7.5 किलो तथा लेयर 03 और यह ताप को रेसिस्टेंट 800 डिग्री सेल्सिअस तक करता  है ! इसका इस्तेमाल कर के आग के नजदीक 2-15 मिनट तक तथा 2-3 मीटर तक जा सकते है !
  • प्रोक्सिमिटी सूट(Proximity suit) : इस सूट के पहन कर आग के नजदीक से नजदीक जाया जा सकता है और ए हम जन सकते है की सिट ऑफ़ फायर कहा है और जिसे जानकर फायर को जल्दी तथा इफेक्टिव तरीके से फायर इक्विपमेंट का इस्तेमाल कर के आग को बूझा सकते है ! इसका वजन 6.5 किलो , लेयर 03 होता है और इसका इस्तेमाल 45-60 तक किया जा सकता है और इसे पहन कर आग के करीब 0.6 मीटर तक जाया जा सकता है !इसका आग की ताप को सहन करने की क्षमता 1400 डिग्री सेल्सिअस है !
  • एंट्री सूट(Entry suit.) :इस सूट का इस्तेमाल हवाई जहाज, शिप तथा बिल्डिंग में आग लगने पे बचाव करने के लिए किया जाता है ! इस सूट को पहनकर आग लगी हुई जहाज, शीप , थे बिल्डिंग के अन्दर फंसे हुए लोगो को बह्चाने के लिए किया जाता है !इसका वजन 22 किलो तथा लाये 7 होते है ! इसको 2 मिनट तक फायर के अन्दर पहन कर रहा जा सकता है !इसका आग की ताप को सहन करने की क्षमता 1400 डिग्री सेल्सिअस है ! 

प्रोटेक्टिव सूट के मेन कॉम्पोनेन्ट(Main Components of Protective clothing) :

  • जैकेट & फुल पैंट/ओवरआल (Jacket & Trouser/ overall)
  • बूट्स ओर ओवर बूट्स ( Boots or over boots)
  • ग्लव्स(Gloves)
  • हेलमेट (Helmet)
  • वाईजर के साथ हुड(Visor with hood.) 

आग बुझाने में आने वाले खतरे :

  • ताप का प्रभाव बदन, फेस तथा हाथ के ऊपर 
  • पहने हुए सूखे हुए वस्त्र और उसमे आग लगने से 
  • आग से उत्पन्न होने वाले धुवा तथा गैस जिसका असर लंग्स के ऊपर 
  • आग से उत्पन्न धुवा तथा उज्वला यानि लाइट्स की कमी 
  • बिजली के शॉक लगने का खतरा 
  • गिला कपडा ज्यादा देर तक आग के नजदीक पहने रहने से, गिला कपडा को जितना जल्दी हो सके उसे बदल देना चाहिए!
  • गर्म कपडे को ज्यादा देर तक पहने रहने से भी आग का खतरा रहता है !

अलुमीनाइजड फायर प्रोक्सिमिटी सूट का स्पेसिफिकेशन(Specifications of Aluminized Fire Proximity Suit):

Aluminized Fire Proximity Suit
Aluminized Fire Proximity Suit

इसे भी पढ़े :फायर फाइटिंग के टेक्निकल टर्म्स फ़्लैश पॉइंट और फायर पॉइंट

बनावट : 

  • आउटर लेयर जेंटेक्स ड्यूल मिरर अलुमीनाइजड  फिबीर ग्लास फैब्रिक टाइप 108 का बना होता है 
  • यह कुल एक पिस में आता है जिसमे :
  • पेअर ऑफ़ ग्लव्स (Pair of gloves)
  • हुड फिटेड हिट रिपेलेंट  वाईजर और हेलमेट जो की अच्छी तरह से लाइन्ड फैब्रिक से  रहता है !
  • पेअर ऑफ़ शूज जो की चमड़ा से सिलाई की हुई होती है !(Pair of shoes with leather lining.)
  • इसके बेक पे एक पाउच होता है जिस के अन्दर BA Set(Breathing Appratus Set) रखने की जगह होती है !
  • इसका कुल वजन अनुमानन 6.5 किलो होता है 
  • इसकी साइज़ 5'6" से लेकर 6' के फायरमैन के पहने के लिए फिट होता है इसका ओवरआल साइज़ 1480mm,1520mm, 1600mm तथा जूते का साइज़ 9 या 10 नंबर का होता है !
  • इसके पैर के ऊपर  वेल्क्रो स्ट्रिप(Velcro strips) दिया हुवा होता है जिससे की इसकी हाइट को 2" कम किया जाता है ! 

धोने के बारे में सुझाव(Washing Instructions) :

  • जमीन पर इसप्रकार से फैलाये की रेफ्लेक्टिवे साइड ऊपर हो और माइल्ड साबुन तथा सॉफ्ट कपडा का इस्तेमाल करते हुए हलके हाथ से धोये तहत सूखने के लिए हंगेर के ऊपर लटका दे !ज्यादा रगड़ना नहीं चाहिए !

इस प्रकार से यहाँ फायर प्रोटेक्टिव क्लोथ्स से सम्बंधित  यह ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा !उम्मीद है की यह ब्लॉग पोस्ट आपलोगों को पसंद आएगा ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे! 
इसे भी  पढ़े :
  1. भारतीय पुलिस ड्रिल ट्रेनिंग में इस्तेमाल होने वाले परेड कमांड का हिंदी -इंग्लिश रूपांतरण
  2. ड्रिल में अच्छी पॉवर ऑफ़ कमांड कैसे दे सकते है
  3. ड्रिल का इतिहास और सावधान पोजीशन में देखनेवाली बाते
  4. VIP गार्ड ऑफ़ ऑनर के नफरी और बनावट
  5. विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  6. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवाई
  9. फूट ड्रिल -धीरे चल और थम
  10. खुली लाइन और निकट लाइन चल

19 सितंबर 2021

आग कैसे बुझाने का तरीका | Fire Extinguisher |

हमने अपने पिछले ब्लॉग पोस्ट में आग कैसे फैलता है उसके बारे में जानकारी प्राप्त की और अब इस नए पोस्ट में हम जानेगे की आग कैसे बुझता है यानि आग को बुझाने का क्या सिद्धांत है(Method of fire Extinguishing) !

जैसे की हम जानते है  आग को फैलने का तीन तरीके है कंडक्टसन, कोन्वेकसन और रेडिएशन होता है और इन्ही तीन तरीको से आग एक जगह से दुसरे जगह फैलती है ! उसी प्उरकार से हम ए भी जानते है की आग लगने के लिए तीन चीजो का होनाबहुत जरुरी है और उनके आभाव में आग कभी भी लग नहीं सकता है और वह चीजे है ताप,(Heat)हवा (Oxygen),ज्वलनशील बस्तु (burning material) और इनमे से किसी भी एक चीज को हटा दे तो आग बुझ जाएगी !इसी को ध्यान में रखकर आग को बुझाने के भी तीन तरीके है जो की निम्न प्रकार है :

आग भुझाने के तरीके 

1. स्टारवेसन (Starvation):स्टारवेसन  का अर्ताथ  है भूखा रखना और इसके अर्थ के अनुसार ही हम जब आग को भुझाने के लिए उसके आस पाश के ज्वलनशील पदार्थ को हटा देते है तो आग आपने आप कुछ समय के बाद बुझ जाता है है यानि जलने की कोई बस्तु नहीं मिलती है और आग बुझ जाता है ! यानि की आग को लगने या जरी रहने के इए जो ऊपर बताये गए तीन चीजे है उसमे से हम जब ज्वलनशील पदार्थ को हटा देते है तो उस विधि को स्टारवेसन की विधि से आग बुझाना बोलते है ! इस विधि में :

  • ज्वलनशील बस्तु को आग के नजदीक से हटा देते है  या 
  • ज्वलनशील बस्तु को छोटे छोटे टुकड़े कर देते है जिससे के आग को बुझाने में आसानी हो जाये !
2. स्मूथरिंग(Smothering): इसी विधि में हम आग से ऑक्सीजन की सप्लाई यानि की हवा को कट उप कर देते है यानी की आग के लिए जो तीन चीजे चाहिए उनमे से  हम एक चीज हवा को हटा देते है  जिससे आग बुझ जाती है इसी विधि को ज्यादर छोटे अगर के आग को बुझाने के लिए करते है जैसे की कैंडल को बुझाना और बड़े स्केल के आग जहा स्मूथरिंग की प्रक्रिया अपनाई जाती है वह है तेल के कुवो(Oil Well) में लगी हुई आग को उसके कुवे (Oil Well) के ऊपर कैपिंग कर के बंद कर दिया जाता है जिससे उसके अन्दर ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो जाती है और आग बुझ जाता है !

3.कुलिंग (Cooling): यह विधि आग बुझाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है और आदि काल से होते आ रही है तथा आग बुझाने का सबसे सस्ता तरीका है !कुलिंग विधि में हम आग से ताप (Heat) को हटाते है और आग बुझ जाती है यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लायी जाने वाली विधि है !

आप जहा कही भी किसी भी तरह  के आग को बुझाते हुवे देखते है जिसमे की फायरमैंन तरह तरह के इक्विपमेंट और ड्रेस पहन कर ड्रिल करते हुवे आग बुझाते है लेकिंन ओ जो भी करवाई कर रहे होंगे लेकिंग उनकी सारी करवाई काग बुझाने के लिए ऊपर बताये हुए तीन तरीको को ही अपना कर कर रहे होते है !
इस प्रकार से यहाँ आग बुझाने के तरीके से सम्बंधित  यह ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा !उम्मीद है की यह ब्लॉग पोस्ट आपलोगों को पसंद आएगा ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे! 
इसे भी  पढ़े :
  1. भारतीय पुलिस ड्रिल ट्रेनिंग में इस्तेमाल होने वाले परेड कमांड का हिंदी -इंग्लिश रूपांतरण
  2. ड्रिल में अच्छी पॉवर ऑफ़ कमांड कैसे दे सकते है
  3. ड्रिल का इतिहास और सावधान पोजीशन में देखनेवाली बाते
  4. VIP गार्ड ऑफ़ ऑनर के नफरी और बनावट
  5. विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  6. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवाई
  9. फूट ड्रिल -धीरे चल और थम
  10. खुली लाइन और निकट लाइन चल


05 सितंबर 2021

आग फैलने के कितने तरीके होते है| आग फैलने के कौन कौन से तरीके होते है ?

पिछले ब्लॉग पोस्ट में फायर ट्रायंगल(Fire triangle) तथा फायर टेट्राहेड्रों यदि के बारे में जानकारी प्राप्त किया गया और अब इस ब्लॉग पोस्ट में हम फायर कैसे फैलता है(Method of Spread of fire)  उसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !

जैसे पानी उचाई से निचे की तरफ बहता  है वैसे ही फायर या आग  भी हाई टेम्परेचर से लो टेम्परेचर  की ओर जाता है या फैलता( Spread of fire) है !आग को फैलने (Method of Spread of fire) की तीन तरीके होते है जो की निम्न है :

Transmission of Heat

1. कंडक्टसन(Conduction):यह तरीके से आग ठोस(Solid), दर्व्य(Liquid) , और गैस(Gas) तीनो  प्रकार के  बस्तुओ में फैलती है !लेकिन इस तरीके से आग ज्यादातर ठोस बस्तुओ में फैलती है ! कंडक्टसन मेथड में  जब किसी बस्तु का कोई सिरा आग के करीब आता है तो उस सिरे के मोल्कुल में कम्पन(Vibrate) पैदा होती है और ओ मोल्कुल अपने पास वाले मोल्कुल से टकराते है और उर्जा को एक छोर से दुसरे छोर  पर फ़ैल जाती है !गर्मी का सबसे अच्छा कंडक्टर सिल्वर होता है ! नॉन मेटलिक बस्तु बैड कंडक्टर(Bad Conductor) होते है और मरकरी को छोड़ लिक्विड(liquid) और  गैस(Gas) तो वैरी बैड कंडक्टर (Very Bad Conductor) होता है !

इसे भी पढ़े : फायर फाइटिंग से सम्बंधित कुछ शोर्ट वर्ड और उनके लॉन्ग फॉर्म

2. कोन्वेकसन(Convection ):इस मेथड से आग केवल दर्व्य (liquid) और गैस (gas) में ही फैलती है !जब दर्व्य या गैस गर्म होते है तो ओ फैलते है और उनका घनत्व कम हो जाता है और जो भाग ठंढा रहता है उसका घनत्व ज्यादा रहता है इस प्रकार से ज्यादा धनत्व यानि ठंढा भाग निचे और गर्म भाग ऊपर निचे होते रहते है और ताप  या आग एक किनारे से दुसरे किनार तक  फ़ैल जाती है यह प्रक्रिया तब तक जलती है जब तक की सभी जगह का तापमान एक जैसा न हो जाए ! इसी प्रकार की प्रक्रिया गैस में भी होता है !इसी प्रक्रिया के अन्दर अक्सर देखा जाता है की जब मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में आग लगता है तो ग्राउंड फ्लोर की आगे की लपटे सीढी या लिफ्ट के रास्ते निचे से ऊपर की तरफ फ़ैल जाता है !उस फैलने की मुख्य कारण कोन्वेकसन ही होता है !

इसे भी पढ़े :फायर फाइटिंग के टेक्निकल टर्म्स फ़्लैश पॉइंट और फायर पॉइंट

3. रेडिएशन(Radiation) :ताप को एक जगह से दुसरे जगह फैलने के लिए किसी भी माध्यम की जरुरत नहीं पड़ती है जब की  कंडक्टसन और कोन्वेकसन में आग को फैलने के लिए मध्य की जरुरत पड़ती है ! इस मेथड में सूरज की ताप सूरज की किरणों जो की खाली आकास से होते हुए भी सूरज का ताप एक जगह से दुसरे जगह फैला देती है इस विधि को  रेडिएशन कहते है ! इसका सबसे अच्छा उदहारण मगनीफाई ग्लास से जब सूरज की किरने किसी बस्तु पर एकत्री हो कर पड़ती है तो वह आग लग जाती है  या आग के नजदीक जाने पर जो गर्मी महसूस होती है वह भी रेडिएशन के कारन से ही होता है 

इस प्रकार से यहाँ आग के एक जगह से दुसरे जगह कैसे फैलती है और आग के फैलने की विधि के बारे में यह ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा !उम्मीद है की यह ब्लॉग पोस्ट आपलोगों को पसंद आएगा ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे! 

इसे भी  पढ़े :
  1. भारतीय पुलिस ड्रिल ट्रेनिंग में इस्तेमाल होने वाले परेड कमांड का हिंदी -इंग्लिश रूपांतरण
  2. ड्रिल में अच्छी पॉवर ऑफ़ कमांड कैसे दे सकते है
  3. ड्रिल का इतिहास और सावधान पोजीशन में देखनेवाली बाते
  4. VIP गार्ड ऑफ़ ऑनर के नफरी और बनावट
  5. विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  6. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवाई
  9. फूट ड्रिल -धीरे चल और थम
  10. खुली लाइन और निकट लाइन चल

आग फैलने के कितने तरीके होते है| आग फैलने के कौन कौन से तरीके होते है ?

पिछले ब्लॉग पोस्ट में फायर ट्रायंगल(Fire triangle) तथा फायर टेट्राहेड्रों यदि के बारे में जानकारी प्राप्त किया गया और अब इस ब्लॉग पोस्ट में हम फायर कैसे फैलता है(Method of Spread of fire)  उसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !

जैसे पानी उचाई से निचे की तरफ बहता  है वैसे ही फायर या आग  भी हाई टेम्परेचर से लो टेम्परेचर  की ओर जाता है या फैलता( Spread of fire) है !आग को फैलने (Method of Spread of fire) की तीन तरीके होते है जो की निम्न है :

Transmission of Heat

1. कंडक्टसन(Conduction):यह तरीके से आग ठोस(Solid), दर्व्य(Liquid) , और गैस(Gas) तीनो  प्रकार के  बस्तुओ में फैलती है !लेकिन इस तरीके से आग ज्यादातर ठोस बस्तुओ में फैलती है ! कंडक्टसन मेथड में  जब किसी बस्तु का कोई सिरा आग के करीब आता है तो उस सिरे के मोल्कुल में कम्पन(Vibrate) पैदा होती है और ओ मोल्कुल अपने पास वाले मोल्कुल से टकराते है और उर्जा को एक छोर से दुसरे छोर  पर फ़ैल जाती है !गर्मी का सबसे अच्छा कंडक्टर सिल्वर होता है ! नॉन मेटलिक बस्तु बैड कंडक्टर(Bad Conductor) होते है और मरकरी को छोड़ लिक्विड(liquid) और  गैस(Gas) तो वैरी बैड कंडक्टर (Very Bad Conductor) होता है !

इसे भी पढ़े : फायर फाइटिंग से सम्बंधित कुछ शोर्ट वर्ड और उनके लॉन्ग फॉर्म

2. कोन्वेकसन(Convection ):इस मेथड से आग केवल दर्व्य (liquid) और गैस (gas) में ही फैलती है !जब दर्व्य या गैस गर्म होते है तो ओ फैलते है और उनका घनत्व कम हो जाता है और जो भाग ठंढा रहता है उसका घनत्व ज्यादा रहता है इस प्रकार से ज्यादा धनत्व यानि ठंढा भाग निचे और गर्म भाग ऊपर निचे होते रहते है और ताप  या आग एक किनारे से दुसरे किनार तक  फ़ैल जाती है यह प्रक्रिया तब तक जलती है जब तक की सभी जगह का तापमान एक जैसा न हो जाए ! इसी प्रकार की प्रक्रिया गैस में भी होता है !इसी प्रक्रिया के अन्दर अक्सर देखा जाता है की जब मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में आग लगता है तो ग्राउंड फ्लोर की आगे की लपटे सीढी या लिफ्ट के रास्ते निचे से ऊपर की तरफ फ़ैल जाता है !उस फैलने की मुख्य कारण कोन्वेकसन ही होता है !

इसे भी पढ़े :फायर फाइटिंग के टेक्निकल टर्म्स फ़्लैश पॉइंट और फायर पॉइंट

3. रेडिएशन(Radiation) :ताप को एक जगह से दुसरे जगह फैलने के लिए किसी भी माध्यम की जरुरत नहीं पड़ती है जब की  कंडक्टसन और कोन्वेकसन में आग को फैलने के लिए मध्य की जरुरत पड़ती है ! इस मेथड में सूरज की ताप सूरज की किरणों जो की खाली आकास से होते हुए भी सूरज का ताप एक जगह से दुसरे जगह फैला देती है इस विधि को  रेडिएशन कहते है ! इसका सबसे अच्छा उदहारण मगनीफाई ग्लास से जब सूरज की किरने किसी बस्तु पर एकत्री हो कर पड़ती है तो वह आग लग जाती है  या आग के नजदीक जाने पर जो गर्मी महसूस होती है वह भी रेडिएशन के कारन से ही होता है 

इस प्रकार से यहाँ आग के एक जगह से दुसरे जगह कैसे फैलती है और आग के फैलने की विधि के बारे में यह ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा !उम्मीद है की यह ब्लॉग पोस्ट आपलोगों को पसंद आएगा ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे! 

इसे भी  पढ़े :
  1. भारतीय पुलिस ड्रिल ट्रेनिंग में इस्तेमाल होने वाले परेड कमांड का हिंदी -इंग्लिश रूपांतरण
  2. ड्रिल में अच्छी पॉवर ऑफ़ कमांड कैसे दे सकते है
  3. ड्रिल का इतिहास और सावधान पोजीशन में देखनेवाली बाते
  4. VIP गार्ड ऑफ़ ऑनर के नफरी और बनावट
  5. विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  6. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवाई
  9. फूट ड्रिल -धीरे चल और थम
  10. खुली लाइन और निकट लाइन चल

01 सितंबर 2021

आग | फायर ट्रायंगल | फायर टेट्राहेड्रोंन | क्लासिफिकेशन ऑफ़ फायर

 फायर फाइटिंग के पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने फायर फाइटिंग से सम्बंधित की शोर्ट वर्ड के बारे में जानकारी प्राप्त किये और इस फायर फाइटिंग के नई पोस्ट में हम फायर क्या होता है(What is fire triangle?) और त्रिकोण क्या होता है और क्लासिफिकेशन ऑफ़ फायर(Classification of fire) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !

इसे भी पढ़ेफायर फाइटिंग से सम्बंधित कुछ शोर्ट वर्ड और उनके लॉन्ग फॉर्म

फायर फाइटिंग से रिलेटेड इस  शब्दों को अच्छी तरह से जानने के लिए हमने इन्हें पॉइंट वाइज एक तरतीब से लिखा है जिन्हें पढने के आब आप अच्छी  तरह से इन सभी का मतलब समझ जायेंगे !

1. फायर ट्रायंगल (Fire Triangle): 

Fire Triangle
आग इधन और हवा के बीच ताप के उपस्थिति में होने वाला एक रासायनिक प्रक्रिया है और इन तीनो के बिना आग संभव नहीं है  आग के इन तीनो तत्वों को एक त्रिभुज के आकर में दिखाया जाता है इसलिए इसे फायर ट्रायंगल कहते है !(Fire is a chemical reaction between a fuel and oxygen in presence of heat.)




2. आग का मिरामिंड(Fire Tetrahedron(pyramid): 


कितने सालो तक हमने यही मान कर चल रहे थे की आग लगने के लिए तीन चीजो की जरुरत होती जैसे ताप, ज्वलनशील बस्तु,और ऑक्सीजन जिन्हें हम आग के ट्रायंगल (Fire Triangle)के द्वारा दर्शाते है लेकिन बाद में आगे चाल के आग्निशामन के जो वैज्ञानिक थे उन्होंने  यह पाया की आग लगने के लिए तीन चीजो के आलावा चौथा चीज भी है जिसके बिना आग नहीं नहीं लग सकती  है वह है चेन रिएक्शन और इस चेन रिएक्शन को दर्शाने  के लिए जो शेप बना ओ पिरामिड के आकर का है  इसलिए उसे पिरामिड (tetrahedron) कहा गया !

3. आग का अवस्था  (Stage of Fire): सामान्यतः आग की तीन अवस्था होती है हम प्राम्भिक अवस्था  (incipient stage), सुलगने वाली अवस्था (smouldering stage) और  लौ बनाने का अवस्था (Flame Stage).
  • प्राम्भिक अवस्था  (incipieent stage): यह वह अवस्था होती है जब आग लगने से पहले की उस्म मिलती है और धीरे धीरे एरिया में उबाल आने लगता है और तापीय उप्घटन!
The incipient stage is a areawhere earlyheating, distillation and slow pyrolysis are in progress. Sub-micron and gas particles are generated and moved away from the origin placeby diffusion, air movement, and weak convection movement, produced by the buoyancy of the products of pyrolysis.
  • सुलगने वाली अवस्था (smouldering stage): यह वह अवस्था है जब आग  पूरी तरह बना कर इग्निशन शुरू करती है जो की दहन का पहली स्थिति  और जिसमे दिखाई नहीं देने वाले एयरोसोल और धुवा पैदा होती है और  आजू बाजु मूव करना शुरू करती है !      
The smouldering stage is a region of fully developed pyrolysis that begins with ignition and includes the initial stage of combustion. Invisible aerosol and visible smoke particles are generated and transported away from the source by moderate convection patterns and background air movement.

  •  लौ बनाने का अवस्था (Flame Stage).:यह वह अवस्था होती है जिसमे त्वरित रिएक्शन जिसमे प्राम्भिक लौ को पैदा होता तथा आग का अपना पूर्ण स्वरुप हासिल करना सामिल होता है और आग एक जगह से दुसरे जगह रेडिएशन,और कन्वेंकशन के द्वारा बढ़ने लगती है !

The flaming stage is a region of rapid reaction that covers the period of initial occurrence of flame to a fully developed fire. Heat transfer from the fire occurs predominantly from radiation and convection from the flame.

इसे भी पढ़े : आग से ससंबंधित टेक्निकल टर्म्स और उसके परिभाषा

 4. आग का वर्गीकरण (Classification of Fire): ज्वलनशील पदार्थो को ध्यान में रखते हुए आग को पांच बर्ग में बंटा गया है जिसे क्लासिफिकेशन ऑफ़ फायर कहते है जो की निम्न प्रकार से है :

  • क्लास A फायर :: इस केटेगरी में ठोस जलने वाले बस्तु जैसे लकड़ी , पेपर, रबर , प्लास्टिक आदि के आग आते है जिनको बुझाने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जाता है !
  • क्लास B फायर :इस केटेगरी में ज्वलनशील दर्व्य या ताप से दरी बन जाने वाले पदार्थ की  आगे आती है जैसे, तेल , लुब्रिकेंट यदि के आग इनको बुझाने के लिए कम्बल या किसी चीज से ढकने से आग बुझ जाती है !
  • क्लास C फायर : इस केटेगरी में ज्वलनशील गैस के आग आते है !इस प्रकार की आग को बुझाने के लिए पाउडर टाइप अग्निशामक का प्रयोग किया जाता है !
  • क्लास D फायर : इस केटेगरी में मेटल में लगने वाले आग आते है जैसे मग्नेशियम,जिंक, सोडियम यदि के आग !
  • क्लास E फायर : इस केटेगरी में इलेक्ट्रिक के आग आते है जिसे बुझाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड का इस्तेमाल किया जाता है !

For all practical purpose , the basic types of fire can be grouped in 5 classes:

Class A fire: fire involving solid combustible materials of organic nature such as wood, paper, plastic, rubber etc where cooling effect of water is essential for extinction of fire.

Class B Fire:  Fire involving flammable liquids or liquifiable solids or the like where blanketing effect is essential.

Class C Fire: Fires involving flammable gasses under pressure including liquefied gasses where it is neccesary to inhibit the burning gas at fast rate with an inert gas, powder or vaporising liquid for extingushment.

Class D Fire : Fires involving combustible metal such as megnasium, aluminium, zinc, sodium, potassium etc when burning metal are reactive to water.

Class E Fire : Fires involving due to electricity where carbon dioxide is effective for extigushment. 

आग जो की किसी बहरी लौ, स्पार्क या गर्मी के करना लगता है और वह बहरी इग्निशन इधन को इतना गर्म कर देते है की ऑक्सीजन की उपस्थिति में मॉलिक्यूलर एक्टिविटीज तेज हो जाती है  और सहिताप मिलते ही जलने लगती है और एक बार जलना शुरू होहो जाता फिर उसे बहरी इग्निशन की जरुरत नहीं रहती है आग वह तब तक जलेगी जब तक की उसे बुझने का कोई कारण उत्पन्न  न होजये !

इस प्रकार से यहाँ फायर ट्रायंगल , और क्लासिफिकेशन ऑफ़ फायर से सम्बंधित ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा !उम्मीद है की यह ब्लॉग पोस्ट आपलोगों को पसंद आएगा ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे! 

इसे भी  पढ़े :
  1. भारतीय पुलिस ड्रिल ट्रेनिंग में इस्तेमाल होने वाले परेड कमांड का हिंदी -इंग्लिश रूपांतरण
  2. ड्रिल में अच्छी पॉवर ऑफ़ कमांड कैसे दे सकते है
  3. ड्रिल का इतिहास और सावधान पोजीशन में देखनेवाली बाते
  4. VIP गार्ड ऑफ़ ऑनर के नफरी और बनावट
  5. विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  6. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवाई
  9. फूट ड्रिल -धीरे चल और थम
  10. खुली लाइन और निकट लाइन चल

30 अगस्त 2021

फायर फाइटिंग से सम्बंधित कुछ शोर्ट वर्ड और उनके लॉन्ग फॉर्म

 फायर फाइटिंग के पिछले दो ब्लॉग पोस्ट में हमने फायर फाइटिंग में इस्तेमाल होने वाले टेक्निकल टर्म्स के बारे में जानकारी प्राप्त किया और अब इस ब्लॉग पोस्ट जो की काफी छोटा है उसमे हम फायर फाइटिंग में अक्सर  इस्तेमाल होने वाले शोर्ट टर्म्स (Abbreviations) उनका लॉन्ग फॉर्म यहाँ जानेगे !

  • AFFF          -     Aqueous film forming foam
  • BCF            -     Bromo dichloro difluoro methane
  • BTM          -     Bromo trifluoro methane
  • R&CFF        -   Rescue and crash fire tender
  • CFT             -   Crash fire tender
  • DCP            -   Dry chemical powder
  • DFT            -   Domestic fire tender
  • FATO            - Final approach and take-off area
  • FP                -  Fluoro Protein Foam
  • RIV            -  Rapid intervention vehicle

इस लिस्ट को और आगे समय के साथ बढाया जायेगा !इसके साथ ही फायर फाइटिंग के   शोर्ट फॉर्म से सम्बंधित ब्लॉग पोस्ट यहाँ संपत होता है  उम्मीद है की यह ब्लॉग पोस्ट आपलोगों को पसंद आएगा !इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे! 

इसे भी  पढ़े :
  1. भारतीय पुलिस ड्रिल ट्रेनिंग में इस्तेमाल होने वाले परेड कमांड का हिंदी -इंग्लिश रूपांतरण
  2. ड्रिल में अच्छी पॉवर ऑफ़ कमांड कैसे दे सकते है
  3. ड्रिल का इतिहास और सावधान पोजीशन में देखनेवाली बाते
  4. VIP गार्ड ऑफ़ ऑनर के नफरी और बनावट
  5. विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  6. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवाई
  9. फूट ड्रिल -धीरे चल और थम
  10. खुली लाइन और निकट लाइन चल

फायर फाइटिंग के टेक्निकल टर्म्स फ़्लैश पॉइंट और फायर पॉइंट

 हमने पिछले ब्लॉग पोस्ट में फायर फाइटिंग से सम्बंधित कुछ टेक्निकल टर्म्स के बारे आलरेडी जानकारी प्राप्त कर ली है और अब उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए कुछ और फायर फाइटिंग से सम्बंधित  कुछ और टेक्निकल टर्म्स है उनके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !

1. इग्निशन टेम्परेचर (Ignition Temperature)

(a) फ़्लैश पॉइंट (Flash Point): फ़्लैश पॉइंट वह निम्नतम तापमान है जिसके ऊपर कोई पदार्थ इतना ज्वलनशील वाष्प पैदा करता है की उसके ऊपर एक छोटी सी भी फ्लेम दिखने पर फ़्लैश पैदा होता है ! कुछ हाइड्रो कार्बन liquid का फ़्लैश पॉइंट निम्न होते है !(Flashpoint is the lowest temperature at which a substance will give sufficient inflammable vapors to produce a momentary flash on the application of a small flame. The flashpoints of some of the commonly used liquid hydrocarbon fuels are given below

  • Petrol(Gasoline)                (-) 45 degree Celsius
  • Kerosene                            38 to 47 degrees Celsius
  • Butane(LPG)                    (-) 60 degree celsius
  • Fuel oil(Heavy Oils)        100 to 190 degrees celsius
  • Natural gas                        5.3 to 15 degrees celsius 

(b).फायर पॉइंट  (Fire point):यह वह निम्नतम तापमान है जिसके ऊपर एक ज्वलनशीलपदार्थ इतनी मात्र में वेपर उत्पन्न करता है जिससे की उस ज्वलनशील पदार्थ में दहन की प्रक्रिया जरी रह सके !(It is the lowest temperature at which the heat from the combustion of a burning substance is capable of producing sufficient vapors to enable combustion to continue.)

(c)तात्क्षणिक इग्निशन तापमान (Spontaneous Ignition Temperature ) यह वह न्यूनतम ताप मान है जिसके हासिल होते ही कोई पदार्थ आपने आप तात्क्षणिक जल उठता है ! उस पदार्थ को जलने के लिए कोई बहार फ्लेम या इग्निशन की जरुरत नहीं पड़ती है !कुछ हाइड्रो कार्बन इग्कानिशन तापमान निम्न होते है (The lowest temperature which the substance will ignite spontaneously that is the substance will burn without the introduction of flame or other ignition source. Ignition temprature of some of the common hydrocarbon fuels are given below):

  • Petrol                     246 to 257 degree celsius
  • Kerosene                 254 to 260 degree celsius
  • Diesel                     271 degree celcius
  • Butane                    430 Degree Celsius
  • Natural Gas            538 Degree Celsius(approx)

2.ज्वलनशील  (Flammable):ज्वलनशील उस मटेरियल को कहते है ज्वलनशील गैस पैदा करती है ( A term applied to materials which produce gases which can burn).

3. ज्वलनशीलता रेंज (Flammability Range): किसी ज्वलनशील पदार्थ की ज्वलनशीलता का  लोअर और उप्पेर लिमिट होता है ( It is the difference between the lower and upper flammability limit.)

4. ताप (Heat): यह उर्जा का वह अवस्था है जो की  पदार्ताथ की तापमान को बढ़ता है यह फायर के दौरान त्वरित ऑक्सीकरण के कारन होता है ! ताप को मापने के लिए निम्न इकाई है : That condition of energy which cause the rise is temperature of a material, in a fire, it is one result of rapid oxidation. It is a concentrated form of energy. Unit of measurement of heat contents are:

  • Calorie
  • Kilo- calorie
  • Joule
  • Kilo-joule 
5.तापमान (Temperature):किसी पदार्थ के ऊष्मा को इंगित करने के लिए तापमान का इस्तेमाल होता है यह उस बॉडी का ताप (heat)को नहीं दर्शाता ! तापमान को नापने के लिए जो कुछ इकाई इस्तेमाल की जाती है वह इस प्रकार से है :( it is a measure of hotness of body, not the amount of heat in it. Common scales for measuring tempareture are:)
  • Centrigrade(C)
  • Fahrenheit(F)
  • Absolute or Kelvin(K)
conversion(बदलना )
  • C= 5/9(F-32)
  • F= 9/5(C+32)
  • K=C+273
6. क्रांतिक ताप (Critical Temperature):वह तापमान जिसपे दबाव बढ़ाने पर कोई गैस दर्व्य में परिवर्तित होने लगता है ! (The gas or vapor can only be liquidized up to a certain maxim temperature(i.e Critical temperature) of gas/vapor by increasing pressure. it is the temperature vapor of gas above which the matter/substance will remain in gaseous phase and it will be impossible to convert it into liquid even though a very high pressure has been applied on it )

7 क्रांतिक दबाव (Critical pressure):क्रांतिक बिन्दु पर गैस के संघनन के लिए अपेक्षित दाब। इसके ऊपर गैस द्रव में नहीं परिवर्तित हो सकती, भले ही दाब कुछ भी हो। (it is the pressure that must be applied to a gas/vapor at a temperature at its critical temperature in order to liquefy the gas /vapor.)

इससे आगे के आग से सम्बंधित टेक्निकल टर्म्स का डेफिनिशन अगले ब्लॉग पोसते में जानेगे !  उम्मीद है की यह ब्लॉग पोस्ट आपलोगों को पसंद आएगा !इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे! 
इसे भी  पढ़े :
  1. भारतीय पुलिस ड्रिल ट्रेनिंग में इस्तेमाल होने वाले परेड कमांड का हिंदी -इंग्लिश रूपांतरण
  2. ड्रिल में अच्छी पॉवर ऑफ़ कमांड कैसे दे सकते है
  3. ड्रिल का इतिहास और सावधान पोजीशन में देखनेवाली बाते
  4. VIP गार्ड ऑफ़ ऑनर के नफरी और बनावट
  5. विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  6. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवाई
  9. फूट ड्रिल -धीरे चल और थम
  10. खुली लाइन और निकट लाइन चल

Add