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27 February 2021

डिजास्टर मैनेजमेंट और उसकी तैयारी

 भारत विश्व के सबसे आपदा प्रभावित देशो में से एक है !यह प्रकृति आपदा जैसे , भूकंप चक्रवात सूखा, बाढ़ और भूस्खलन। चक्रवात भारत के पूर्वी समुद्री इलाके में हमेशा आते रहते हैं। भूकंप हिमालय के पहाड़ी वाले इलाके और गंगा के मैदानी इलाके हैं तथा भारत के बहुत से इलाकों में बाढ़ समय-समय पर आते रहते हैं। बाढ़ गंगा तथा ब्रह्मपुत्र के मैदानी इलाके में मानसून के समय एक आम बात है। और देखें तो सूखा भी भारत के बहुत से प्रांतों जैसे राजस्थान पश्चिमी उड़ीसा महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्र तथा दक्षिण भारत में समय-समय पर उत्पन्न होते रहते हैं। इन सब परिस्थिओं को अच्छी तरह से सँभालने के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट के  जानकारी होना  है ! 

इस पोस्ट को अच्छी तरह से समझने के लिए आपदा  से संबंधित कुछ शब्द और उसके अर्थ हम यहां पर जानेंगे:-
  • मल्टी हजार्ड जोंस(Multi Hazard Zones) मल्टी हजार्ड जोन हम उस एरिया को कहते हैं जहां पर एक से ज्यादा तरह के आपदा आते हो। उदाहरण के लिए भारत के तटीय इलाके जहां बाढ़ तूफान भूकंप और सुनामी यदि आते रहते हैं इसलिए इस क्षेत्र को मल्टी हजार्ड जोन कहा जाता है।
  • आपदा की तैयारी(Disaster Preparedness) आपदा की तैयारी का अर्थ होता है आपदा को प्रभावी तरीके से रोकने या कम करने के लिए की जाने वाली गतिविधियां। आपदा को कम करने के लिए उसकी तैयारी पहले से करना बहुत जरूरी होता है।
  • प्राकृतिक तथा मानव निर्मितआपदा(Natural & Man Made Disaster) :-प्रकृति ने हमें बहुत तरह के उपहार दिए हैं जो कि मानव के जीवित रहने के लिए एक मुख्य सोर्स है। प्राकृतिक ने हमें पानी, खाना तथा हवा दिया है!र प्रकृति ने हमें जो गिफ्ट दिया है अगर उसके खिलाफ या हम उसे अच्छी तरह से इस्तेमाल ना करें तो प्रकृति ने हमें उपहार के साथ साथ बहुत से विनाशकारी चीजें भी प्रदान की है जोकि आपदा का रूप धारण कर लेते हैं जैसे भूकंप, तूफान बाढ़, सूखा, भूस्खलन, जंगल की आग और इसी तरह के बहुत सारे कार्य। अगर आपदा का कारण प्राकृतिक चीजें हैं तो उसे प्राकृतिक आपदा या नेचुरल डिजास्टर(Natural Disaster ) कहते हैं।
  • मानव निर्मित आपदा(Man Made Disaster):-प्रकृति ने हमें एक साधारण तरह से रहने के लिए हर प्रकार की वस्तुएं प्रदान की है लेकिन यह मानव की प्रवृत्ति है कि वह हमेशा कुछ और करना चाहता है और इस कुछ और करने की चाह में वाह बहुत सारे बड़े-बड़े एक्सीडेंट भी कर जाता है जिससे प्रकृति और मानव दोनों के लिए खतरा उत्पन्न हो जाते हैं। जैसे फायर, एक्सीडेंट आतंकवादी हमला, एक कुछ मानव निर्मित आपदा है। न्यूक्लियर हथियार को जब इस्तेमाल किया जाता है तो वह बहुत ऊर्जा, आग और रेडिएशन उत्पन्न करता है! उसी तरह बायोलॉजिकल आपदा पोलूशन और औद्योगिक दुर्घटना से उत्पन्न होते हैं! तो हम कह सकते हैं कि मानव निर्मित आपदा मानव द्वारा निर्मित पदार्थों और सुविधाओं से होता है। 
    मानव निर्मित आपदा को रोका जा सकता है जैसे ट्रैफिक नियमों को पालन कर करके सड़क दुर्घटनाएं रोकी जा सकती है बिल्डिंग के ब्य लॉ  को अच्छी तरह से पालन करके बिल्डिंग को सही तरीके से बनाया जा सकता है और दुर्घटनाये  है  इत्यादि।
  • आपदा प्रबंधन(Disaster  Management) :-जैसे कि हम जानते हैं कि प्राकृतिक आपदा से नुकसान को हम कुछ हद तक कम कर सकते हैं अगर हम बचने की  तैयारी पहले से रखें! इस तैयारी को अच्छी तरह से प्रबंध करने के लिए आपदा प्रबंधन का व्यवस्था किया जाता है आपदा प्रबंधन बहुत से ऐसे कार्य करता है जिससे आम जनमानस को तैयार करता है की आपदा आने पर कैसे बचाव करें और कैसे दूसरों को सुरक्षा प्रदान करें। आपदा को अच्छी तरह से समझने के लिए अच्छा है कि उसके कारण और निवारण के बारे में अच्छी से जानकारी हो तथा बचाव के बारे में पहले से ही समाज को तैयार रखा जाए इन सब कामों के लिए आपदा प्रबंधन(Disaster  Management)  एक बड़ी ही उपयोगी संस्था है!

आपदा को अच्छी तरह से मैनेज करने के लिए बहुत से गैर सरकारी एजेंसीज और सरकारी तथा अन्य कम्युनिटी एक साथ मिलकर आपदा प्रभावित इलाके में कार्य करती है। इन एजेंसियों को हम सिविल सोसाइटी कहते हैं! आपदा प्रबंधन प्लान को छोटे से छोटे लेवल पर तैयार कर किया जाता है जैसे ब्लॉक या तालुका, जिला और राज्य स्तर पर! प्रत्येक वर्ष  9 अक्टूबर को आपदा प्रबंधन दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपदा को कम करने के लिए इसके बारे में सही जानकारी देना सबसे ज्यादा जरूरी होता है।
आपदा से संबंधित कुछ बातें:
चक्रवाती तूफान
चक्रवाती तूफान 
  • डिजास्टर प्रोनेस (Disaster Proneness ):- डिजास्टर प्रोनेस वह एरिया होता है जहां पर आपदा आने की संभावनाएं ज्यादा हो।
  • प्राकृतिक आपदा(Natural Disaster):-वाह आपदा, हादसा या फिनोमिना जिसके कारण घायल  और जान मान की क्षति हो या संपत्ति का नुकसान हो और आर्थिक तथा सामाजिक डिस्क्रिप्शन पैदा हो उसे प्रकितिक आपदा Natural Disaster  कहते हैं!
  • वल्नेरेबिलिटी (Vulnerability ):एक साधारण शब्द में कहे तो वल्नेरेबिलिटी से मतलब उनलोगो से या उन स्थानों से है जहा आपदा आने पे या जिन्हे आपदा आने पे नुकशान होने की सबसे ज्यादा सम्भावनाये होती है ! जैसे तूफान आने के सूरत में तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोग वुनेरेलबले ज्यादा होता है उसमे भी मछुवारे  वनेराब्ले होते है !
  • आपदा तैयारी (Disaster Preparedness): यह एक पहले से तैयार की गई एक्टिविटीज और सावधानिया होती है जो आपदा आने वाले क्षेत्र के लोग सामूहिक तौर पर एक साथ अपनाते है  जिससे आपदा से कम से कम  नुकशान हो !
  • डिजास्टर या कालमीटी (Disaster or  Calamity ): यह प्राकृतिक या मानव निर्मित वह घटनाये है  जिसके कारन बड़े स्तर पर जान मॉल तथा सम्पति की नुकशान होता हो !
  • हैजर्ड (Hazard):हैजर्ड एक खतरनाक अवस्था या घटना है जो की प्राकृतिक या मानव निर्मित ही सकता है जिससे जान माल और सम्पति का नुकशान हो और प्रकृति को भी नुकशान पहुँचता हो !
  • कम्युनिटी (Community ):कम्युनिटी से सन्दर्भ उनलोगो से है जो किसी गांव या शहरी क्षेत्र में रहते है और अपने एक तरह के जीवन शैली में जीते हो !
  • डिसास्टर मैनेजमेंट के मेथड : डिजास्टर मैनेजमेंट के मेथड्स :
    • प्री-डिजास्टर मेथड :
      • डिजास्टर के प्रमुछ खतरा की पहचान करना 
      • डिजास्टर प्रोन एरिया में रहने वाले लोगो को डिजास्टर के बारे में चेतावनी  देना ताकि ो लोग सुरक्षित जगह पे शिफ्ट हो जाए !
      • मौसम विभाग से मिलने वाले जानकारी से  आम जाता को अवगत करना !
      • लोगो को शेल्टर हाउस के बारे में तथा वह  रास्तो के बारे में जानकारी देना !
      • लोगो के लिए पानी तथा अन्य जरुरी सामने का व्वस्था करना !
      • महत्वा पूर्ण दस्तावेज को प्लास्टिक के पॉकेट में रखना !
      • जरुरी हो तो पोटेनिसल रिस्क वाले लोगो डिजास्टर प्रोन एरिया से बहार निकलना !
      • महत्वपूर्ण सरकारी एजेंसीज के टेलीफोन नंबर नोट कर लेना 
      • मोक ड्रिल करना !
    • मेथड डिजास्टर के दौरान :
      • कम्युनिटी वार्निंग सिस्टम को एक्टिवटे करना !
      • खाने पिने के सामान को वाटर प्रूफ बैग में रखना 
      • नदी और समुन्द्र से दूर रहना 
      • भूकंप के दौरान दीवाल, दरवाजा या भरी वस्तुओ से दूर रहना 
      • अगर आप गाड़ी में जा रहे है तो साइड में चले जाये कभी भी पु को क्रॉस करने का कोसिस नहीं करना चाहिए जिसके ऊपर पानी हो !
      • लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए 
    • पोस्ट डिजास्टर मेथड :
      • शांति बनाये रखे 
      • पहले अपने आप को  देखे की कोई चोट  लगी  बाद दुसरो को बचने के लिए निकले 
      • अपने बच्चो और बुजर्गो को विशेष तौर पे देखे कही उन्हें तो कोई चोट नहीं लगी है 
      • इलेक्ट्रिकल सामान को सावधानी पूर्वक इस्तेमाल करे !
      • साँप आदि  बचे 
      • पुलिस या किसी प्रकार की  सहायता के लिए 112 पर कॉल करे 
      • उखड़े हुए पेड़ , बिजली के पोल तथा  घरो से बचे 
      • उबला हुवा पानी ही पिए !
  1. आप डिजास्टर प्रेपरेडनेस  समझते है :-यह डिजास्टर के आने से पहले की जाने वाली गतिविधि है जिससे डिस्टटर के प्रभाव को कम करने के लिए पहले से की गई एक तैयारी होती है ! प्राकृतिक आपदा  जैसे- भूकंप, तूफान या चक्रवात , बाढ़,सूखा, भूस्खलन और मानव निर्मित आपदा जैसे :-औद्योगिन दुर्घटनाये ,पोल्लुशन बायोलॉजिकल , टेररिज्म यदि !
  2. अपने एरिया को डिजास्टर से बचाने के लिए क्या  करना चाहिए :आपने एरिया को डिजास्टर रेसिस्टेंट बनने के लिए निम्न कुछ कार्य करना चाहिए :
  • डिजास्टर प्रोन एरिया के बारे में जानकारी इकठ्ठा करे !
  • किस प्रकार के डिजास्टर ज्यादा आने के सम्भावनाये रहते है उसकी जानकारी इकठ्ठा करे !
  • प्रभावित होने वाले एरिया तथा लोगो के बारेमे जानकारी इकठा करे  
  • डिजास्टर का प्रभाव जल वितरण , विजली वितरण , रोड ट्रैफिक यदि पे कितना पड़ेगा इसका आकलन करे 
  • डिजास्टर के बारे में सही सही जानकारी आम जनमानस के बिच पहुचाये 
  • उन शेल्टर हाउस तथा स्कूल के बारे में जानकारी रखे जहा डिजास्टर आने पर आम लोगो को शिफ्ट किया जा सकता है !
  • समय समय पे मोक ड्रिल(Mock Drill ) करते रहे !
इस प्रकार से डिजास्टर मैनेजमेंट से सम्बंधित यह पहला पोस्ट समाप्त हुवा उम्मीद है की यह पोस्ट आप लोगो को पसंद आएगा !इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !
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22 February 2021

ट्रिप फ्लारे का परिचय और उपयोग

पिछले पोस्ट में हमने वैरी लाइट पिस्तौल के बारे में जानकारी प्राप्त की और अब इस पोस्ट में हम ट्रिप फ्लारे (Trip  Flare Mark-1 in hindi )के बारे में जानकारी करेंगे !  

ट्रिप फ्लारे एक तरह का पैरोटेक्निक होता है जो ट्रिप होने पर  लाइट और धुवा  देता है ! यह एक तरह से अग्रणी चेतावनी देनेवाली  डिवाइस है जो की रात  के समय कोई आगन्तु या दुश्मन के  आने पर यह धुवा और प्रकाश के द्वारा अर्ली वार्निंग देता है यह डिवाइस का रंग आस पास के बनावट और कलर के अनुसार ही रहता है जिससे इस डिवाइस को छुपाना आसान होता है  और जैसे ही कोई इसको कॉर्ड को डिसट्रब होता  है प्रेस या लोड रिलीज़ हो जाता है और इसमें रखा हुवा विष्फोटक जल उठता है जिससे यह पता चल जाता है की कोई वह आया है! ट्रीप फ्लेयर पहले वहीं लगाया जाता था जो इलाका घुसपैठ के लिहाज से संवेदनशील हो.
 इन से सम्बंधित कुछ विशेष डिटेल इस प्रकार से है :
Trip Flare
Trip Flare


1. ट्रिप फ्लेर  का इस्तेमाल किस लिए किया जाता है? 

Ans:-ट्रिप फ्लेर रात के वक्त दुश्मन के आने की खबर तथा पहचान और जिस इलाके में लगाया गया हो उसे रोशन करने के लिए किया जाता है। 

2. ट्रिप फ्लेर कितनी देर तक रोशनी देता है

Ans:ट्रिप फ्लेर 30 सेकंड से 40 सेकंड तक रोशनी देता है।

3.  ट्रिप फ्लेर का वजन कितना होता है

Ans:ट्रिप फ्लेर का वजन 9 या 254 ग्राम होता है। 

4. ट्रिप फ्लेर में हिफाजत के लिए क्या प्रबंध है? 

Ans:- इसमें दो सेफ्टीपिन लगी हुई होती है। 

5.ट्रिप फ्लेरर लगाते समय साइड प्रोग  किस तरफ रखना चाहिए? 

Ans:-अंदर की तरफ रखनी चाहिए 

6.ट्रिप फ्लेर को आर्म्स  करते समय कौन सा पिन निकाला जाता है? 

Ans :-लिंक स्प्रिंग  निकाला जाता है। 

7. डिस आर्म्स  करते समय कौन सा पीन  लगाया जाता है? 

Ans :-ट्रिप फ्लेर पॉट वाली पिन लगाया जाता है। 

8 अगर ब्लाइंड हो जाए तो इसे कैसे बर्बाद किया जाता है? 

Ans :-इसे ड़ेमुलेसन   सेट लगाकर बर्बाद किया जाता है।

9 . ट्रिप फ्लेर कहा बनता है ?

Ans - यह आर्डिनेंस फैक्ट्री में बनता है !

जरुर  पढ़े :SSG-69 राइफल की रख रखाव और सफाई का तरीका

ट्रिप फ्लारे मार्क -1 (Trip Flare Mark-1) अलार्म डिवाइस की तरह इस्तेमाल किया जाता है जो की घुसपैठिओ को अपने एरिया में घुसते ही लाइट और धुवा के द्वारा चेतावनी तथा पहचान बता देता है जिसे घुसपैठिओ के पकड़ने या मर डालने में काफी सुविधा होती है ! यह ज्यादातर एडवांस एरिया में लगाया जाता है ! यह डिवाइस जमीन के सतह के  साथ वायर और पिकेट कर के लगाया जता है जैसे ही कोई घुसपैठिया वायर के कांटेक्ट में आता है यह डिवाइस एक्टिवटे हो जाता है और घुसपैठिये की पहचान हो जाती है जिसे या तो पकड़ लिया जाता है या मर गिराया जाता है !

इसके साथ ही यह एक छोटा सा मेरा ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुई उम्मीद है की आपलोगो को पसंद आएगा !अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !

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