पिछले पोस्ट में हमने पुलिस द्वारा अपराधिक सुचना इकठ्ठा करने के तरीका के बारे में जानकारी शेयर किये थे इस पोस्ट में हम चुनाव के समय पुलिस बल का ड्यूटी(Election duty of Police force) के बारे में जानकारी शेयर करेंगे !
भारत दुनिया का सबसे बडा लोकतान्त्रिक देश है ओर इस लोकतंत्र का अधार ही भारतीय चुनावी व्यवस्था है . चाहे छोटे से छोटे एक वार्ड या गांव का सरपंच चुनाव हो या पुरे देश का प्रतिनिधि करनेवाले संसद हर एक का चयन एक निश्चित चुनाव परिक्रिया के के द्वारा ही होता है और इस पूरी परिक्रिया को पूरा करवाता है भारतीय निर्वाचन आयोग. और इसे पूरा करने के लिए देश के सभी सरकारी महकमा चुनाव आयोग को हर संभव मदद करता है.
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चुनाव आयोग की स्थापना 26 जनवरी 1950 को एक सदसीय आयोग से सुरुआत हुवा जो आगे चल कर 3 सदस्सीय हो गया और आज भी तीन सदस्सीय है. जिसमे एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त होते है और दो उनके सहायता के लिए उन्ही के समकक्ष चुनाव आयुक्त होते है.
एसे तो देखा जाये तो चुनाव में सीधी तौर पे पुलिस की भूमिका बहुत ही नगण्य या न मात्र की है और यह पूरा मुहीम ही सिविलियन है लेकिंन आज कल के समाज में लोगो के अन्दर चुनाव लड़ने और चुने हुवे प्रतिनिधि बनाने की एक होड़ सी लग गयी जो की एक लोकतंत्र के लिए अच्छी बात है पर इस होड़ में जो लोग चुनाव में खड़े होते या उनके समर्थ बहुत से गैरकानूनी कार्य कर बैठते है या करने की कोशिस करे है और येही से पुलिस का रोल शुरु होता है.
इसलिए चुनाव में पुलिस ड्यूटी जानने से पहले हम चुनावी परिक्रिय में सामिल होने वाले कुछ पुलिस से सम्बन्धी अधिकारियो और उनके ड्यूटी के बारे में जाना लेना बहुत जरुरी होगा.
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1.एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट (Executive magistrate duty during election duty): यह सभी राज्यों का कर्तव्य होता है की हर एक जिला में कुछ एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट नियुक्त करे और उन्ही में से एक डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट हो. एसे तो एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के पास बहुत से काम होते है ! लेकिन CrPc के सेक्शन 94, 97, 107, 109, 110, 133 145 and 147 एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के पास प्रिवेन्टिव एक्शन लेने का अधिकार होता है और CrPc सेक्शन 129 & 130 एक मजमा के तितर बितर करने के लिए और उसके ऊपर बल प्रोयोग करने के लिए एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट का आदेश लेना बहुत जरुरी है!
लेकिंन अगर मजमा अन कण्ट्रोल हो जाता है और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट मौके पे नहीं है तो एक पुलिस अधिकारी जो उप निरिक्षक या उससे ऊपर के रैंक का हो ओ भी मजमा को तितर वितर करने के लिए बल प्रयोग का आदेश दे सकता है लेकिंग अगर मजिस्ट्रेट मौके पर मौजूद है तो मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना मजमा के ऊपर बल प्रयोग या लाठी चार्ज नहीं किया जा सकता है. इसलिए पुलिस करवाई में मजिस्ट्रेट का बहुत इम्पोर्टेन्ट भूमिका होता है.
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2. जोनल पुलिस ऑफिसर(Zonal Police Officer duty during election duty): चुनाव के दौरान एक जिला या चुनाव क्षेत्र को उसके सेंसिटिविटी को ध्यान में रख कर छोटे छोटे जोन में बाटा जाता है और उस छोटे छोटे जोन का प्राधिकार सीनियर पुलिस ऑफिसर्स को दे दी जाती है वह ऑफिसर पूरी चुनाव के दौरान उसके दिए हुए क्षेत्र में इलेक्शन रिलेटेड या ऐसे भी कोई कानून व्यवस्था की स्तिथि होती है उसमे उस क्षेत्र में नियुक्त उसके अधिनस्त पुलिस अधिकारियो और जवानों को सुपरवाइज़ करेगा और आश्यक दिशा निर्देश देगा.
3. सेक्टर पुलिस ऑफिसर(Sector Police Officer duty during election duty): जैसे एक जिला या चुनाव क्षेत्र को ज़ोन में बाटा जाता है वैसे ही प्रत्येक जोन को कई सेक्टर बाट दिया जाता है और उसका प्रभार एक पुलिस सब ऑफिसर रैंक के अधिकारी को दे दिया जाता है जी अपने दिए हुवे क्षेत्र में पेट्रोलिंग करता है और लॉ एंड आर्डर को सुचारू रखता है और अपने क्षेत्र में होने वाली चुनावी गतिबिधियो को अपने जोनल ओफ्फ्सिर और ऊपर के सीनियर ऑफिसर को अवगत करते रहता है. और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के साथ मिलकर लॉ एंड आर्डर बनाये रखने के लिए उचित करवाई करता है.
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सशत्र बलों का मतदान केन्द्रों पर समान्य कर्तव्य(Duty of Armed force personnel at Polling station):
पदाधिकारी द्वारा चुनाव कार्य में भाग लेने जा रहे जवानों की पूरी ब्रिंफिंग की जायगी वो निम्न बातो पे होगी(Election duty related briefing):.
जवानों को गोला बारूद एवं हथियार तथा वाहनों के लिए निम्नलिखित बातो पर ध्यान करना चाहिए.
संतरी हमेश जोड़े में रहे, प्रत्येक एक दुसरे पर चौकसी पूर्ण निगाह रखे
.गार्ड कमांडर पूरी सावधानी रखेगा तथा समय समय पर संतरी को चेक करेगा.
हथियार की सुरक्षा के लिए रायफल वैन का व्यवहार किया जायेगा.
कोत में रखते समय हथियारों के चेनबद्ध एवं साफ कर रखा जाये.
अजनबी तथा बहरी व्यक्तियों को कैंप क्षेत्र के पास नहीं आने दिया जाय.
.पिकेट से बहार जवान सामान्य स्तिथियों में नहीं जायेंगे तथा यदि जाये तो पूरी एस्कॉर्ट के साथ
वाहनों को हमेश पोस्ट के अन्दर सुरक्षित अवस्था में रखा जायेगा तथा पोस्ट के बहार जाते वक्त उचित सुरक्षा व्यवस्था के साथ जय.
हथियार को बिना निगरानी के बेडिंग आदि में न छोड़ा जाय.
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चुनाव ड्यूटी में क्या करे (Police force ke jawan chunaw duty ke samay kya kya kare)
भारत दुनिया का सबसे बडा लोकतान्त्रिक देश है ओर इस लोकतंत्र का अधार ही भारतीय चुनावी व्यवस्था है . चाहे छोटे से छोटे एक वार्ड या गांव का सरपंच चुनाव हो या पुरे देश का प्रतिनिधि करनेवाले संसद हर एक का चयन एक निश्चित चुनाव परिक्रिया के के द्वारा ही होता है और इस पूरी परिक्रिया को पूरा करवाता है भारतीय निर्वाचन आयोग. और इसे पूरा करने के लिए देश के सभी सरकारी महकमा चुनाव आयोग को हर संभव मदद करता है.
जरुर पढ़े: पुलिस की भिन्न भिन्न ड्यूटी
चुनाव आयोग की स्थापना 26 जनवरी 1950 को एक सदसीय आयोग से सुरुआत हुवा जो आगे चल कर 3 सदस्सीय हो गया और आज भी तीन सदस्सीय है. जिसमे एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त होते है और दो उनके सहायता के लिए उन्ही के समकक्ष चुनाव आयुक्त होते है.
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Election duty |
इसलिए चुनाव में पुलिस ड्यूटी जानने से पहले हम चुनावी परिक्रिय में सामिल होने वाले कुछ पुलिस से सम्बन्धी अधिकारियो और उनके ड्यूटी के बारे में जाना लेना बहुत जरुरी होगा.
जरुर पढ़े: फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट में होनेवाली कुछ कॉमन गलतिया
1.एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट (Executive magistrate duty during election duty): यह सभी राज्यों का कर्तव्य होता है की हर एक जिला में कुछ एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट नियुक्त करे और उन्ही में से एक डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट हो. एसे तो एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के पास बहुत से काम होते है ! लेकिन CrPc के सेक्शन 94, 97, 107, 109, 110, 133 145 and 147 एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के पास प्रिवेन्टिव एक्शन लेने का अधिकार होता है और CrPc सेक्शन 129 & 130 एक मजमा के तितर बितर करने के लिए और उसके ऊपर बल प्रोयोग करने के लिए एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट का आदेश लेना बहुत जरुरी है!
लेकिंन अगर मजमा अन कण्ट्रोल हो जाता है और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट मौके पे नहीं है तो एक पुलिस अधिकारी जो उप निरिक्षक या उससे ऊपर के रैंक का हो ओ भी मजमा को तितर वितर करने के लिए बल प्रयोग का आदेश दे सकता है लेकिंग अगर मजिस्ट्रेट मौके पर मौजूद है तो मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना मजमा के ऊपर बल प्रयोग या लाठी चार्ज नहीं किया जा सकता है. इसलिए पुलिस करवाई में मजिस्ट्रेट का बहुत इम्पोर्टेन्ट भूमिका होता है.
जरुर पढ़े: 6 कॉमन गलतिया अक्सर एक आई ओ सीन ऑफ़ क्राइम पे करता है
2. जोनल पुलिस ऑफिसर(Zonal Police Officer duty during election duty): चुनाव के दौरान एक जिला या चुनाव क्षेत्र को उसके सेंसिटिविटी को ध्यान में रख कर छोटे छोटे जोन में बाटा जाता है और उस छोटे छोटे जोन का प्राधिकार सीनियर पुलिस ऑफिसर्स को दे दी जाती है वह ऑफिसर पूरी चुनाव के दौरान उसके दिए हुए क्षेत्र में इलेक्शन रिलेटेड या ऐसे भी कोई कानून व्यवस्था की स्तिथि होती है उसमे उस क्षेत्र में नियुक्त उसके अधिनस्त पुलिस अधिकारियो और जवानों को सुपरवाइज़ करेगा और आश्यक दिशा निर्देश देगा.
3. सेक्टर पुलिस ऑफिसर(Sector Police Officer duty during election duty): जैसे एक जिला या चुनाव क्षेत्र को ज़ोन में बाटा जाता है वैसे ही प्रत्येक जोन को कई सेक्टर बाट दिया जाता है और उसका प्रभार एक पुलिस सब ऑफिसर रैंक के अधिकारी को दे दिया जाता है जी अपने दिए हुवे क्षेत्र में पेट्रोलिंग करता है और लॉ एंड आर्डर को सुचारू रखता है और अपने क्षेत्र में होने वाली चुनावी गतिबिधियो को अपने जोनल ओफ्फ्सिर और ऊपर के सीनियर ऑफिसर को अवगत करते रहता है. और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के साथ मिलकर लॉ एंड आर्डर बनाये रखने के लिए उचित करवाई करता है.
जरुर पढ़े: क्राइम सीन पे सबसे पहले करनेवाले काम एक पुलिस ऑफिसर के द्वारा
सशत्र बलों का मतदान केन्द्रों पर समान्य कर्तव्य(Duty of Armed force personnel at Polling station):
- मतदाताओ को लाइन में लगवाना.
- .मतदान केन्द्रों के अन्दर शांति बनाये रखना.
- .मत्कार्मियो एवं मतपेटियो को कोई खतरा न हो ये तय करना.
- .मतदाताओ द्वारा साफ सुथरी मतदान की व्यवस्था करना.
- .सीलबंद मतपेटियो या बचे हुए मतपत्रो यदि को एस्कॉर्ट करना.
- .पदाधिकारियो के साथ अन्य मतदान केन्द्रों का भरमान करना.
- ड्यूटी पे जाने से पहले सशत्र बल के जवानों को निम्लिखित साजो –सामानों से लैस होकर पूरी तैयारी के साथ जाना चाहिए
- लाठी डाँडो को साथ रखना.
- स्टील हेलमेट, दंगा ड्रिल के सामान जैसे चेतवानी वाले झंडे, मेगाफोन, लाइन रोप स्त्रेचेर यदि
- वायरलेस सेट
- प्राथमिक उपचार किट इत्यादि
- दिए हुए कार्य- जवाबदेही की पूरी जानकारी रखे .
- सामान्य विधि व्यवस्था की स्तिथि एवं उस क्षेत्र विशेष की वर्तमान स्तिथि.
- ड्यूटी स्थल पर जाने के समय उपद्रवियों द्वारा हमला करने पर क्या करवाई करनी है.
- कुछ खास प्रतिकूल स्तिथियों जैसे भीड़ द्वारा पोस्ट पर हमला, चुनाव कर्मी पर आक्रमण यदि करने पर क्या करवाई करनी है.
- .स्थानीय पदाधिकारियों से अच्छे सम्बन्ध रखना तथा नियंत्रण कक्ष से समबन्ध रखन.
जवानों को गोला बारूद एवं हथियार तथा वाहनों के लिए निम्नलिखित बातो पर ध्यान करना चाहिए.
जरुर पढ़े: पुलिस नाकाबंदी या रेड् क्या होता है ?नाकाबंदी और रेड के समय ध्यान में रखनेवाली बाते
चुनाव ड्यूटी में क्या करे (Police force ke jawan chunaw duty ke samay kya kya kare)
- आम जनता में सुरक्षा तथा विश्वास का माहौल बनाना लगातार गस्त करते रहना मतदाताओ को निर्भय हो कर वोट देने में सक्षम बनाना
- अपने को इस प्रकार तैयार रखे की अगर आतकवादियो/उपद्रवियों द्वारा हिंसा की कोई करवाई की जाती है तो मुस्तैदी से जवाब दे सके
- .महत्वपूर्ण व्यक्तियों तथा उम्मीदरो की सुरक्षा पर ध्यान देना.
- आतंकवादियों पर हमेशा छापामारी तथा आक्रमण कर उन्हें अस्थिर करना ताकि वे चुनाव के समय कोई खतरा उत्पन न कर पाए.
- पोलिंग बूथ पर अतिरिक्त सुरक्श की व्यवस्था करना ताकि उपद्रवीयो द्वरा कोई गड़बड़ी न की जय सके.
- वोट डालते समय पक्ति में लगे लोगो पे ध्यान रखना की यो किसी तरह का गड़बड़ी न कर सके.
- चुनाव से पहले, चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद शांति व्वस्था को बनाये रखना
- वोटिंग के दौरान शांति व्वस्था को बनाये रखना की वोटर अपना वोट शांतिपूर्वक डाल सके
- मत पत्र , मतपत्र बॉक्स और मतदान से सम्बंधित समग्रिः को एस्कॉर्ट करना
- मत पत्र और मत पात्र बॉक्स को पोलिंग स्टेशन को ऊपर गार्ड करना
- कलेक्शन और काउंटिंग सेण्टर पर मत पत्र और मत पात्र बॉक्स को गार्ड करना
- पोलिंग स्टेशन पर प्रेसिडिंग अधिकारी को सहायत करना और किसी तथा पोलिंग बूथ स्टाफ को चुनाव सम्बंधित अपराध को करने से रोकने में मदद करना !
इस प्रकार से चुनाव के समय पुलिस ड्यूटी के सम्बन्धित एक सक्षिप्त पोस्ट समाप्त हुई उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगा ! अगर इस पोस्ट से सम्बंधित कोई कमेंट हो तो निचे के कमेंट बोक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब और फेसबुक शेयर और लाइक कर हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !
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