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22 December 2021

अपराध के वर्गीकरण || Classification of crime

पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने अपराध शास्त्र के सिद्धांत के बारे में जानकारी प्राप्त की और अब इस छोटे से  ब्लॉग पोस्ट में हम अपराध के वर्गीकरण के बारे में जानेगे की अपराध को कितने वर्गों में वर्गीकरण किया जा सकता है !

इस विषय को अच्छी तरह से समझने के लिए हम ने इस पोस्ट को निम्न शीर्ष में बाँट दिया है:

अपराध शास्त्र
अपराध शास्त्र 

1. अपराध की परिभाषाएं: अपराध शब्द जितना प्रचलित है उतना ही मुश्किल है इसकी परिभाषा देना क्योंकि इस परिवर्तनशील भौतिक युग में प्रत्येक क्षेत्र में परिवर्तन होते रहते हैं। जिसके कारण अपराध की परिभाषा में भी फेरबदल समयानुसार अवश्यंभावी है फिर भी कुछ प्रमुख अपराध शास्त्रियों द्वारा की गई कुछ परिभाषा ओं का अध्ययन करते हैं। 

कैनी के अनुसार : अपराध उन अवैधानिक कार्यों को कहते हैं जिन के बदले में दंड दिया जाता है और वह क्षम्य नहीं होते हैं। अगर क्षम्य नहीं होते भी हैं तो राज्य  के अलावा अन्य किसी को भी क्षमा प्रदान करने का अधिकार नहीं होता है। 

मिलर के अनुसार :अपराध वो कृत या अकृत उल्लंघन कार्य हैं जिनको की विधि समावेशित अथवा निर्देशित करती है और उन दोनों को सरकार अपने नाम से कार्यवाही  करके दंडित करती है। 

बसंती लाल बाबेल के अनुसार: तत्समय प्रवृत  विधि के अंतर्गत ऐसा कोई भी कार्य  करना जिसे नहीं करने के लिए वह व्यक्ति आबध्य  है अथवा ऐसे कार्य के करने से प्रविरत रहना या लोप करना  जिसके करने के लिए आबध्य  है अपराध है दोनों ही दशाओं में यह दंडनीय है!

अपराध का वर्गीकरण(Classification of Crime): पाश्चात्य अपराध शास्त्रियों का वर्गीकरण अलग आधारों पर किया है जो भारतीय विधि से मेल नहीं खाता है। भारतीय विधि में अपराध का वर्गीकरण प्रमुख तीन आधारों पर किया गया है। 

संख्यिक्यआधार पर (Pre Classical Theory)

  • व्यक्ति विरुद्ध अपराध (Crime against Person)
  • संपत्ति के विरुद्ध अपराध (Crime against Property)
  • राज्य के विरुद्ध अपराध (Crime against State)
  • व्यवस्था के विरुद्ध अपराध (Crime against Order)
  • न्याय के विरुद्ध अपराध (Crime against Justice)
भारतीय दंड संहिता के अनुसार अपराध का वर्गीकरण (Classification on the basis of IPC)

  • मानव शरीर के विरुद्ध अपराध 
  • संपत्ति के विरुद्ध अपराध 
  • लेख से संबंधित अपराध 
  • मानव मस्तिक को प्रभावित करने वाले अपराध 
  • लोग शांति के विरुद्ध अपराध 
  • राज्य के विरुद्ध अपराध 
  • शासकीय सेवको द्वारा अपराध। 
भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता के धारा पर अपराधियों का वर्गीकरण 

साधारण अपराध(Non Cognizable offence) 

  • असंगेय अपराध 
  • समन मामलों से संबंधित अपराध 
  • जमानती अपराध 
गंभीर अपराध (Cognizable Offence)

  • संगेय अपराध 
  • वारंट मामलों से संबंधित अपराध 
  • अजमानती अपराध 
संक्षेप: जैसे के दिल्ली पुलिस ट्रेनिंग प्रेसिज में बताया गया है उसके अनुसार उपरोक्त  संख्यिक्य, प्रवृत्ति व प्रक्रिया के आधार पर वर्गीकरण पर अगर इस संक्षेप में वह दिखाई प्रतीत होता है की अपराध केवल तीन प्रकार के होते हैं एक मानव के विरुद्ध, दूसरा सम्पति  के विरूद्ध और तीसरा राज्य  के विरोध तो अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि उपरोक्त वर्गीकरण से  सभी वर्ग के अपराधो को वर्गीकरण किया जा सकता है  ।

इस प्रकार से आपराध के वर्गीकरण से  सम्बंधित  यह ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा !उम्मीद है की यह  पोस्ट आप को पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग  सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !

इन्हें भी  पढ़े :

  1. पुलिस ड्यूटी
  2. फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट में होनेवाली कुछ कॉमन गलतिया
  3. 6 कॉमन गलतिया अक्सर एक आई ओ सीन ऑफ़ क्राइम पे करता है
  4. क्राइम सीन पे सबसे पहले करनेवाले काम एक पुलिस ऑफिसर के द्वारा
  5. बीट और बीट पेट्रोलिंग क्या होता है ?एक बीट पट्रोलर का ड्यूटी
  6. पुलिस नाकाबंदी या रेड् क्या होता है ?नाकाबंदी और रेड के समय ध्यान में रखनेवाली बाते 
  7. निगरानी और शाडोविंग क्या होता है ? किसी के ऊपर निगरानी कब रखी जाती है ?
  8. अपराधिक सूचना कलेक्ट करने का स्त्रोत और सूचना कलेक्ट करने का तरीका
  9. चुनाव के दौरान पुलिस का कर्तव्य
  10. थाना इंचार्ज के चुनाव ड्यूटी सम्बंधित चेक लिस्ट

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