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20 May 2017

ब्लो बेक विथ एपीआई कैसे काम करता है तथा उसके खतरे क्या है ?

पिछले पोस्ट में हमने सिंपल ब्लो बैक और ब्लो बैक विथ एपीआई के बारे में जानकारी प्राप्त किये ! इस पोस्ट में हम एपीआई की करवाई तथा उसके खतरे ( blow back API ki karyawahi aur uske khatre)के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !


एक जवान को हथियार के चाल और उसके मेकनिज्म की जानकारी होनी चाहिए ताकि उस हथियार में पड़नेवाली किसी भी रोक के कारन को अच्छे से समझ सके और उसे दूर कर सके क्यों की हम जानते है की ऑपरेशन के दौरान जवान को खुद अकेले ही सभी करवाई करनी पड़ती है वहा न तो अर्मोरेर होता है न ही कोई और बल्कि खुद ही उसे सभी प्रकार के रोको को दूर करके लड़ाई की लड़नी पड़ती है ! इस लिए जरुरी है की एक जवान अपने पर्सनल वेपन तथा जिस किसी भी हथियार को ओ इस्तेमाल कर रहा है उसके चाल और मैकेनिज्म के बार में जानकारी रखे !

जरुर पढ़े :आटोमेटिक वेपन के गैस ऑपरेशन के सिद्धांत कैसा काम करता है


इस पोस्ट में हम निम्न विषय के बारेमे जानकारी प्राप्त करेंगे :

  1. एपीआई की कार्यवाही ( blow back with API ki karyawahi)
  2. एपीआई के खतरे (blow back with  API ke Khatre)
1. एपीआई की कार्यवाही ( blow back with API ki karyawahi):एपीआई की karyawahi इस प्रकार से होती है 
(a) इग्निशन की छोटी हरकत (Precise movement of Ignition): एपीआई के कारन राउंड चैम्बर में बैठने से पहले फायर हो जाता है जिसे एडवांस प्राइमर इग्निशन कहते है !राउंड पहले फायर हो जाता है या करने के लिए सही समय का जरुरत होती है ! 9 mm कार्बाइन मशीन में राउंड के चैम्बर में पूरी तरह से बैठने के 0.018 सेकंड से .028 सेकंड पहले राउंड फायर हो जाता है ! इन दो टाइमो के बीच कब फायर होगा ओ इन बातो पर निर्भर करता है !
(i) चैम्बर तथा राउंड की नाप 
(ii) चैम्बर में घर्षण चैम्बर के गन्दा होने या किसी और कारन से 

(b) ब्रीच ब्लाक कभी चैम्बर से नहीं टकराता है (Breech block kabhi chamber se nahi takarata hai):फायर से पैदा हुवा गैस पहले आते हुए ब्रीच ब्लाक को धीमा करके रोकती  है तथा बाकि गैस ब्रीच ब्लाक को पीछे धकेलती है जिस्सके कारन वास्तिविक फायर के दौरान ब्रीच  ब्लाक कभी भी चैम्बर से नहीं टकराता है! यह चैम्बर तक पहुचने से  .003 इंच पहले ही पीछे का हरकत चालू कर देता है !

इसलिए खाली कार्बाइन को बार बार कॉक कर के ट्रिगर नहीं दबाना चाहिए क्यों की खाली कार्बाइन का ब्रीच ब्लाक चैम्बर से टकराएगा और जिससे चैम्बर और ब्रीच ब्लाक को नुकशान पहुच सकता है !

2. एपीआई के खतरे (blow back with  API ke Khatre):इस सिद्धांत की सफलता प्राइमर को बिलकुल सही समय पर चलने पर निर्भर है ! यानि इगिनितिओन को पहले या बाद में चलने से इस में खतरे भी है जो की निम्न है :
(a) जल्दी फायर (Jaldi fire): चैम्बर में ज्यादा गैस फौलिंग या गंदगी होने के कारन फायरिंग पिन प्राइमर पर सही समय से पहले चोट मार दे , जिसके कारन हो सकता है की अधिकतम प्रेशर उस समय बने हो ! जबकि राउंड का कमजोर हिस्सा चैम्बर से बहार ही हो ! ऐसी हालत में ब्रस्ट केस का नुक्स हो सकता है इसलिए चैम्बर को हमेशा साफ रखना चाहिए !

(b)अधिक गंदगी के कारन फायर नहीं होना (Adhik gandgi ke karan fire nahi hona): चैम्बर अधिक गन्दा हो तो राउंड चैम्बर से उतना अन्दर नहीं जायेगा जितना जाना चाहिए जिसके कारन  फायरिंग और प्राइमर (.22) कैप की सीधी में नहीं आएगी जिस कारन फायर नहीं होगा !

(c) हैण्ड चैम्बर नहीं (Hand chamber nahi): हैण्ड चैम्बर हम उसे कहते(Hand chamber kise kahte hai) है जब हम राउंड को मगज़ीन में भरने के बजाय एक एक करके चैम्बर में डालते है और फायर करते है!ऐसा करने से एपीआई के खतरा ये रहता है की इस सिद्धांत में फायर होने के बाद गैस का कुछ भाग ब्रीच ब्लाक को आगे आने से धीमा कर रोकता है और कुछ भाग उसे पीछे की और धकेलता है!

लेकिन जब हम हैण्ड चैम्बर करते है तो ब्रीच ब्लाक को धीमा कर रोकने वाली कारवाही नहीं होती है क्यों की राउंड चैम्बर में पहले से बैठा रखा है इस लिए फायर से पैदा हुई पूरी गैस दो करवाई करने के बदले एक ही करवाई करती है यानि ब्रीच ब्लाक को पीछे की ओर धकेलती है जिसके कारन से ब्रीच ब्लाक दोगुनी रफ़्तार से पीछे की हरकत करती है हो सकता है की अधितम प्रेशर बनते समय राउंड का कमजोर हिस्सा चैम्बर से बहार आ जाये इससे ब्रस्ट केस का नुक्स पड़ता है और हथियार का बॉडी ब्लज़ होकर टूट फुट हो सकती है !

इस प्रकार से यहाँ एपीआई किस प्रकार काम करता है तथा इसके खतरे क्या क्या है उससे संभंधित एक संक्षिप्त पोस्ट समाप्त हुई ! उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब और फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित करे ! 
इन्हें भी पढ़े :
  1. 9 mm कार्बाइन मचिन या सब मचिन गन का इतिहास और खुबिया
  2. 9mm कार्बाइन का टेक्नीकल डाटा -II
  3. 9 mm कार्बाइन मचिन का बेसिक टेक्नीकल डाटा -I
  4. 5.56 mm INSAS LMG का बेसिक डाटा और स्पेसिफिकेशन
  5. इंसास राइफल का पार्ट्स का नाम और खोलना जोड़ना
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  7. AKM राइफल का बेसिक टेक्नीकल डाटा
  8. 7.62mm SLR के पार्ट्स का नाम और 7.62 mm SLRराइफल का चाल
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