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28 June 2016

अपराधिक सूचना कलेक्ट करने का स्त्रोत और सूचना कलेक्ट करने का तरीका

पिछले पोस्ट में हम पुलिस ड्यूटी के निगरानी या शाडोविंग के बारे में बात किये इस पोस्ट में हम गुप्त अपराधिक सूचना इकठ्ठा  यानि इंटेलिजेंस कलेक्शन का स्त्रोत(Source of Intelligence collection)   और इंटेलिजेंस गदेरिंग के समय ध्यान में रखने वाली बाते कौन कौन सी उसके बारे में बाते करेंगे !


अपराधिक सूचना इकठ्ठा क्यों जरुरी है ?(Apradhik suchan ikattha karna kyo jaruri hai ) :भारत एक बड़ा देश है जिसका जनसँख्या तक़रीबन 125 करोड़ से  भी ज्यादा है और इसका जमीनी क्षेत्रफल  बर्ग किलोमीटर है ! इतनी बड़ी आबादी और इतना बड़ा क्षेत्र फल वाला देश में ये संभव नहीं है की हर गली और नाके पे पुलिस पल को रखा जा सके अपराध रोकने के लिए !

लेकिन ये भी सही नहीं  है की देश बड़ा है और जनसंख्या ज्यादा है इसलिए है अपराध का रोक थाम न करे! ऐसी परिस्थिति में पुलिस के लिए ये जरुरी हो जाता है की किसी भी रूप में अपराध से सम्बंधित गुप्त सुचनाये इकठ्ठा करे और उसपे करवाई करते हुए अपराध की रोकथाम करे!


अपराधिक सूचना इकठ्ठा करने का उद्देश्य क्या होता है(Apradhik suchna ikattha karne ka uddeshy)
  • अपराध का पता लगाना 
  • अपराध को होने से रोकना
  • अपराधियो का पता लगाना
  • और शांति व्वस्था कयाम रखना !
कानूनी प्रावधान(Kanuni prawadhan) : अपराधिक सूचना इकठ्ठा करने का कुछ प्रावधान CrPc में भी दिया हुआ है जैसे
  • CrPc की धारा 39 जिसके अंतर्गत जनता के द्वारा अपराधिक सुचना देना
  • CrPc की धारा 40 गाँव इ नियुक्त व्यक्तियो सुचना देना


अपराधी गुप्त सूचनाये हमे कब कब मिलती है(Apradhik suchnaye hme kab kab milti hai)
  •  अपराध होने से पहले और
  • अपराध होने के बाद
गुप्त सूचनाओ का स्रोत क्या क्या हो सकता है(Apradhik suchanao ka srot kya kya ho sakte hai)

  • पीड़ित व्यक्ति से 
  • पीड़ित व्यक्ति के दोस्तों या रिश्तेदारों से 
  • घटनास्थल से 
  • प्रत्यक्षदर्शियो से 
  • डॉक्टर व वकीलों से 
  • विरोधी व्यक्ति से 
  • पान-बीडी के विक्रेताओ से 
  • सुनारों से 
  • कबाडियो से 
  • होटल या धब्बवालो से 
  • वैस्यालो से 
  • प्रॉपर्टी या वहां डीलर से 
  • समाज सेवको से 
  • कनुनप्रिय लोगो से 
  • गुप्त्सुत्रो या मुखबिरों से 

कुछ सरकरी रेकॉर्डो से भी हम कुछ सुचनाये इकठ्ठा कर सकते है जैसे 
  • कुछ ऑफिसियल गजट से 
  • स्टेट क्राइम रिकॉर्ड व्योरो  के रिकॉर्ड  से 
  • पुलिस थानों के रिकॉर्ड और डोजियर से 
  • फिंगर प्रिंट ब्योरो से 
  • स्पेशल ब्रांच से 
  • तरीका वारदात व्योरो से 
कुछ सरकारी विभाग है वह से भी सुचानामिल सकती है :

  • बैंक से 
  • इन्सुरांस कंपनी से
  • खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से
  • ट्रांसपोर्ट विभाग से 
  • टेलीफोन सर्विस प्रोवाइडर से 
गुप्त सूचना इकठ्ठा करते समय ध्यान देने वाली बाते 
  • किसी भी सुचना को छोटा न समझे 
  • मुख्विरो द्वारा दिए गये समय पे जरुर पहुचे  लेकिंग होशियारी के साथ चौकाने रहे !
  • मुख्विरो के सूचना देने पे होनेवाली देरी के समय धैर्य बनाये रखे !
  • अपराधिक सुचना देनेवाले स्त्रोत को हमेशा गुप्त रखे 
  • सुचना मिलने के बाद सफलता मिलती है तो सूचना देनेवाले को कुछ निश्चित इनाम  जरुर दे !
  • बार बार गलत सूचना मिलने के बाद भी उन सुचानो का अवहेलना न करे !
  • सभी सूचनाओ का रिकॉर्ड रखे 

पुलिस की सफलता ओ चाहे कानून व्वस्था बनाने में हो या किसी अपराध  को रोकने में हो उन सब में कलेक्शन ऑफ़ इन्त्तेलिगेंस बहुत अहम् रोल अदा करता है ! इसलिए हर एक पुलिस कर्मी को चाहे को किसी भी सेक्शन में काम करता हो और कही पे ड्यूटी कटा हो हमेशा चुकाना और अपने चारो और होनेवाले घटनाओ तथा लोगो के बातो को हमेशा ध्यान से सुनना चाहिए !

उम्मीद है की पोस्ट पसंद आया होगा ! अगर कोई सजेसन हो तो निचे कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे !  

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