09 अक्टूबर 2025

ड्रिल का महत्व: अनुशासन और टीमवर्क की असली ताकत

 

ड्रिल का महत्व
Drill ka Mahatwa

1. ड्रिल का महत्व: परिचय (Introduction)

पुलिस या फोर्स की यूनिफॉर्म पहनना केवल जिम्मेदारी नहीं, बल्कि अनुशासन का प्रतीक है। इस अनुशासन की नींव रखती हैड्रिल।
ड्रिल सिर्फ कदम मिलाने या कमांड फॉलो करने की प्रक्रिया नहीं होती, बल्कि यह जवान के मन, शरीर और टीमतीनों को एक लय में बाँधने की कला है।

हर पुलिस कर्मी जानता है कि किसी भी स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देना, आदेशों का पालन करना और टीम के साथ तालमेल बनाना कितना ज़रूरी है।
ड्रिल इन्हीं क्षमताओं को मजबूत करती हैचाहे वह परेड ग्राउंड की कतारें हों या भीड़ नियंत्रण की हकीकत।

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👉 संक्षेप में:
ड्रिल अनुशासन की रीढ़ है और टीमवर्क की पहली पाठशाला।
इसीलिए हर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में ड्रिल को सबसे अहम अभ्यास माना जाता है।

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2. ड्रिल का असली उद्देश्य क्या है?

ड्रिल का मकसद केवल “Left, Right, Left” तक सीमित नहीं है। इसका मुख्य उद्देश्य है अनुशासन, आदेश पालन और टीम की एकजुटता विकसित करना।

ड्रिल के ज़रिए एक पुलिस कर्मी में निम्न गुण पैदा होते हैं –

  1. अनुशासन (Discipline): शरीर और मन दोनों को एक साथ नियंत्रित करने की क्षमता।

  2. आदेश पालन (Command Response): कमांड मिलते ही बिना झिझक सही प्रतिक्रिया देना।

  3. टीम भावना (Team Coordination): साथियों के साथ एक ही ताल में चलना।

  4. फोकस (Concentration): क्षणिक विचलन से बचकर ध्यान केंद्रित रखना।

  5. गर्व और आत्मसम्मान (Pride): ड्रेस और ड्यूटी दोनों के प्रति समर्पण की भावना।


💡 संक्षिप्त उत्तर (Featured Snippet Ready):
“ड्रिल का उद्देश्य है — पुलिस कर्मियों में अनुशासन, आदेश पालन, और टीमवर्क की एकता विकसित करना ताकि वे हर परिस्थिति में संगठित, तत्पर और सटीक प्रतिक्रिया दे सकें।”

3. पुलिस ट्रेनिंग में ड्रिल क्यों है ज़रूरी? (7 मुख्य फायदे)

ड्रिल हर पुलिस या फोर्स ट्रेनिंग का दिल है। इसका असर सिर्फ शरीर पर नहीं बल्कि सोच और आत्मविश्वास पर भी पड़ता है।
नीचे दिए गए सात फायदे दिखाते हैं कि क्यों ड्रिल किसी भी जवान के लिए सबसे ज़रूरी अभ्यास है:

  1. 1️⃣ अनुशासन की आदत बनाती है:
    रोज़ाना निर्धारित समय पर ड्रिल करने से एक स्वाभाविक अनुशासन पैदा होता है। यह आदत फील्ड ड्यूटी में समय की पाबंदी और जिम्मेदारी का अहसास कराती है।

  2. 2️⃣ आदेश पालन में तत्परता लाती है:
    ड्रिल में आदेश तुरंत और सही तरीके से मानना सिखाया जाता है। यही गुण असली ड्यूटी में तेज़ निर्णय लेने में मदद करता है।

  3. 3️⃣ टीमवर्क को मजबूत करती है:
    जब दर्जनों जवान एक साथ कदम मिलाते हैं, तो यह केवल ताल नहीं — एकता और भरोसे का प्रतीक होता है। टीम में समन्वय बढ़ता है और मिशन के दौरान तालमेल सहज बनता है।

  4. 4️⃣ आत्मविश्वास और आत्मनियंत्रण बढ़ाती है:
    सटीक मूवमेंट, सीधी लाइन और जोरदार कमांड — ये सब व्यक्ति को आत्मविश्वासी बनाते हैं। वह अपने शरीर और भावनाओं पर नियंत्रण पाना सीखता है।

  5. 5️⃣ मानसिक फोकस और स्मृति शक्ति बढ़ाती है:
    ड्रिल में लगातार ध्यान बनाए रखना होता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है, जो फील्ड पर जटिल परिस्थितियों में काम आती है।

  6. 6️⃣ एकता और गर्व की भावना पैदा करती है:
    परेड या पासिंग-आउट में जब पूरा दल एक साथ कदम बढ़ाता है, तो वह पल केवल अनुशासन नहीं बल्कि गर्व की अनुभूति भी देता है।

  7. 7️⃣ फील्ड में निर्णय लेने की क्षमता सुधारती है:
    ड्रिल में सीखे गए समय और आदेश पालन के गुण फील्ड में त्वरित निर्णय और क्रिया के रूप में नज़र आते हैं।

4. 6-सप्ताह का पुलिस ड्रिल ट्रेनिंग प्लान (Step-by-Step)

ड्रिल में निपुणता किसी दिन में नहीं आती। इसे लगातार अभ्यास और समयबद्ध योजना से ही मजबूत किया जा सकता है। नीचे दिया गया 6-सप्ताह का प्लान हर नए रिक्रूट या ट्रेनर के लिए उपयोगी है — जिसे रोज़ाना 30 मिनट में लागू किया जा सकता है।

सप्ताहउद्देश्यमुख्य अभ्यासअवधिपरिणाम
सप्ताह 1बुनियादी मुद्रा और ध्यान केंद्रित करनाStanding to Attention, Stand at Ease, Right/Left Turn30 मिनटशारीरिक संरेखण और अनुशासन की नींव
सप्ताह 2Marching और Command ResponseLeft Turn, Right Turn, About Turn, Slow & Quick March30 मिनटआदेश सुनकर तुरंत प्रतिक्रिया
सप्ताह 3Squad Formation DrillSection & Platoon Drill, Alignment Practice30 मिनटटीमवर्क और समन्वय बढ़ेगा
सप्ताह 4Weapon Handling Drill (Dummy Rifle)Saluting with Rifle, Shoulder Arms, Order Arms30 मिनटहथियार संभालने में सटीकता
सप्ताह 5Field Drill SimulationQuick Assembly, Formation under Pressure30 मिनटदबाव में त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता
सप्ताह 6Review & Parade PracticeCombined Squad Drill, Saluting Test, Command Drill30 मिनटआत्मविश्वास और सामूहिक तालमेल

💡 प्रो टिप:
हर सत्र के बाद “self-evaluation” करें — क्या आदेश साफ़ सुनकर तुरंत पालन किया गया? क्या चाल में लय बनी रही?
इस प्रगति को आप एक ड्रिल प्रगति चार्ट (PDF) में ट्रैक कर सकते हैं।

5. प्रशिक्षक और रिक्रूट्स के लिए 10-पॉइंट चेकलिस्ट

एक सफल ड्रिल सिर्फ आदेश पर चलने का नहीं, बल्कि निरीक्षण और सुधार का अभ्यास भी है।
नीचे दी गई 10-पॉइंट चेकलिस्ट ट्रेनर्स और रिक्रूट्स दोनों के लिए महत्वपूर्ण है:

  1. आदेश सुनने और पालन करने में विलंब तो नहीं?

  2. शरीर की मुद्रा (posture) सही और स्थिर है?

  3. कदमों की लय (cadence) एक समान है या नहीं?

  4. साथी के साथ दूरी और लाइन का संरेखण ठीक है?

  5. आवाज़ का टोन और कमांड स्पष्ट है?

  6. दाएं-बाएं मोड़ में संतुलन बना रहता है?

  7. थकान के बावजूद ध्यान केंद्रित है या भटकता है?

  8. ट्रेनर के निर्देशों को समझने और सुधारने की क्षमता है?

  9. टीम में सहयोग और सकारात्मक दृष्टिकोण है?

  10. ड्रिल खत्म होने के बाद आत्मसमीक्षा की आदत है या नहीं?

6. आधुनिक पुलिसिंग में ड्रिल की नई भूमिका

आज की पुलिसिंग सिर्फ डंडा और परेड नहीं — बल्कि टेक्नोलॉजी, तनाव नियंत्रण और सामूहिक प्रतिक्रिया प्रणाली का मिश्रण है।
ड्रिल अब केवल “शारीरिक अनुशासन” नहीं रही; यह मनोवैज्ञानिक और तकनीकी तैयारी का भी हिस्सा बन चुकी है।

आधुनिक परिदृश्य में ड्रिल की भूमिका:

  • Crowd Control: फॉर्मेशन ड्रिल्स से दंगों या रैलियों में भीड़ प्रबंधन आसान होता है।

  • Quick Response Team: टीम ड्रिल से त्वरित मूवमेंट और मिशन-सिंक्रोनाइज़ेशन में मदद मिलती है।

  • Digital Simulations: अब कई राज्य पुलिस अकादमियाँ वर्चुअल रियलिटी (VR) ड्रिल सत्र शुरू कर रही हैं, जिससे recruits परिस्थितिजन्य निर्णय लेना सीखते हैं।

  • Mental Conditioning: नियमित ड्रिल से तनाव घटता है, जिससे कर्मियों का मनोबल और संयम बढ़ता है।

 7. वास्तविक उदाहरण (Case Study)

केस स्टडी: उत्तर प्रदेश पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज, मुरादाबाद
2024 में इस ट्रेनिंग सेंटर ने “Smart Drill Program” शुरू किया। हर रिक्रूट को टैबलेट पर उसकी ड्रिल परफॉर्मेंस का वीडियो और स्कोर मिलता था।
तीन महीनों में ही—

  • Response Time 28% बेहतर हुआ

  • Formation Accuracy 35% तक बढ़ी

  • और Drop-out Rate 15% घट गया।

निष्कर्ष:
डिजिटल उपकरणों और पारंपरिक ड्रिल का संयोजन पुलिस प्रशिक्षण को और प्रभावी बनाता है।

8. निष्कर्ष (Conclusion)

ड्रिल पुलिस कर्मियों के लिए सिर्फ एक अभ्यास नहीं — बल्कि अनुशासन, एकता और फुर्ती का प्रतीक है।
यह वही गुण हैं जो एक जवान को सामान्य व्यक्ति से अलग बनाते हैं।
जब सैकड़ों कदम एक लय में बढ़ते हैं, तो वह सिर्फ आवाज़ नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा की धड़कन होती है।

👉 संदेश:
“हर जवान की ताकत उसकी ड्रिल में छिपी होती है — क्योंकि जो मैदान में अनुशासित है, वही मिशन में सफल होता है।”

9. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. ड्रिल क्या होती है और इसका उद्देश्य क्या है?
ड्रिल एक संगठित अभ्यास है जो पुलिस कर्मियों में अनुशासन, आदेश पालन और टीम भावना विकसित करता है।

Q2. पुलिस ट्रेनिंग में ड्रिल कितनी अवधि तक होती है?
आमतौर पर ड्रिल सत्र रोज़ाना 30 मिनट से 1 घंटे तक चलता है और पूरी ट्रेनिंग अवधि में निरंतर जारी रहता है।

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Q3. क्या ड्रिल सिर्फ शारीरिक अभ्यास है?
नहीं, यह मानसिक अनुशासन, धैर्य और सामूहिक सोच विकसित करने का तरीका भी है।

Q4. ड्रिल से टीमवर्क कैसे बढ़ता है?
जब सभी रिक्रूट्स एक ही ताल में कदम बढ़ाते हैं, तो पारस्परिक भरोसा और सहयोग स्वाभाविक रूप से बढ़ता है।

Q5. ड्रिल के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
पोश्चर, आदेश सुनने की क्षमता, कदमों की समानता और साथी के साथ समन्वय का विशेष ध्यान रखें।

Q6. क्या महिला रिक्रूट्स के लिए अलग ड्रिल होती है?
मूलभूत ड्रिल समान होती है, परंतु शारीरिक मानकों और endurance training में हल्का अंतर रखा जाता है।


11 अक्टूबर 2022

9 mm पिस्टल की सुरक्षा , खोलना ,जोड़ना, भरना और खाली करना का इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग के लेसन को सरल शब्दों में

पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने  9 mm पिस्टल की परिचय और बेसिक डाटा  के बारे जानकारी प्राप्त की और अब इस इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग के इस लेसन में हम 9 mm पिस्टल  की सुरक्षा , खोलना ,जोड़ना, भरना और खाली करना का इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग के लेसन को सरल शब्दों में जाएँगे (9 mm Pistol ki surksh, kholna, safail, jodna, bharna aur khali karna ka IWT saral sabdo me  ) ! इस पोस्ट को आसान बनानके लिए हमने इसे कांस्टेबल के बेसिक ट्रेनिंग में जिस क्रमबद्ध तरीके से सिखाया जाता है उसी क्रम में लिखेगे! 

1. शुरू-शुरू का काम -

  • (क) क्लास की गिनती और गुपों में बाँट
  • (ख) हथियार और सामान का निरीक्षण
  • (ग) बंदोबस्ती की कार्यवाही

2 दोहराई :-पिस्टल की विशेषताएँ और सीक्यूबी. पर किये जायें।

3. पहुँच :-अचानक और कम रेंज पर निकलनेवाले टारगेट को जल्दी से बर्बाद करने के लिए यह जरूरी है कि पिस्टल के मैगजीन को भना-खाली करना और सफाई प्रत्येक जवान को आना चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर पिस्टल को खोलकर टूट-फूट की बदली और सफाई किया जा सके। यह तभी संभव है, जब हर जवान पिस्टल को खोलना, जोड़ना और सफाई करना अच्छी तरह जानता हो।

4. उद्देश्य -9 एम.एम. पिस्टल को खोलना, सफाई, जोड़ना, भरना और खाली करने का तरीका सिखानाहै (उद्देश्य को दोहराये) ।

5. सामान :-9 एमएम पिस्टल, मैगजीन, 9 एम.एम. ड्रील काट्रिज, पिस्टल केश, क्लिनिंग रॉड, चिन्दी, टारगेट फिगर 11 और ग्राउण्डशीट।

6. भागों में बाँट -

  • भाग 1- पिस्टल की सुरक्षा. खोलना, सफाई और जोड़ना।
  • भाग 2- मैगजीन को भरना और खाली करना।
  • भाग 3-पिस्टल को भरना और खाली करना।

7.अच्छी आदतें - पिस्टल इस्तेमाल करनेवाले जवान को चंद एक अच्छी आदतों पर अमल करना चाहिए

  • (क) बंद पिस्टल को हमेशा भरा हुआ समझा जाय।
  • (ख) पिस्टल को किसी को देते या लेते समय निरीक्षण किया जाय।
  • (ग) निरीक्षण करने के बाद ट्रिगर दबाते समय बैरल आसमान की तरफ रखी जाय, जब पिस्टल भरा हुआ हो तो हैमर को आगे के पोजीशन में रखा जाय।
  • (घ) जब फायर करने की जरूरत न हो तब अंगुली को ट्रिगर पर न रखा जाय।
  • (ड) पिस्टल का मजल किसी साथी की तरफ या ऐसे हालात में जहाँ फायर करने से कोई हादसा हो सकता है न किया जाय । 
  • (च) पिस्टल के साथ नाजायज छेड़छाड़ न किया जाय और इसे बगैर जरूरत केश से बाहर न निकाला जाय।

भाग 1- पिस्टल की सुरक्षा, खोलना, सफाई और जोड़ना

सुरक्षा :-

(क) परख पिस्टल पर कार्रवाई

(i) पिस्टल को केश से निकालें (पिस्टल किस हाथ से निकाली जाये, यह फायरर के मास्टर हाथ

पर निर्भर है)।

(ii) मजल ऊपर की तरफ और कलमे वाली अंगुली ट्रिगर गार्ड पर ।

(iii) दाहिने हाथ के अंगूठे से मैगजीन कैच को दबाएँ और बायें हाथ से मैगजीन को उतारें (पाउच या

केश में रखें)।

(iv) बायें हाथ से स्लाइड को पूरा पीछे खींचें और स्लाइड के लॉकिंग लीवर कटाव को दाहिने हाथ

के अंगूठे से पिछलेवाले हिस्से को अगलेवाले कटाव में मिलाएँ।

(v) मैगजीन को लें और मैगजीन प्लेटफार्म को आगे की ओर रखते हुए बायें हाथ की हथेली पर

मैगजीन को रखें। पिस्टन और मैगजीन का निरीक्षण करें और वापस पिस्टल का हुक्म दें।

(ख) वापस पिस्टल पर कार्रवाई

  • (i) बायें हाथ की मदद से मैगजीन को चढ़ये (ध्यान रहे कि मैगजीन खाली है)।
  • (ii) बायें हाथ से स्लाइड को थोड़ा पीछे खींचें और दायें हाथ के अंगूठे से ही स्लाइड लॉकिंग लीवर को नीचे की तरफ दबाएँ और स्लाइड को आगे की तरफ जाने दें। 
  • (iii) बैरल को सामने सुरक्षित दिशा में करके ट्रिगर प्रेश करें और पिस्टल को वापस केश में रख दें।

पिस्टल को खोलना :- खोलने से पहले यकीन कर लेना चाहिए कि पिस्टन में भरी मैगजीन नहीं चढ़ी है तथा पिस्टल पर रस्सी लगी हो तो खोल दें।

  • (i) मैगजीन कैच दबाते हुए मैगजीन को निकालें।
  • (ii) बायें हाथ से स्लाइड को पूरा पीछे खींचें और स्लाइड के आगे वाले कटाव में सेफ्टी कैच को लगायें।
  • (iii) स्लाइड लॉकिंग लीवर के पिछले हिस्से को ऊपर दबाते हुए पिस्टल के दाहिने तरफ वाले पिनको अंदर दबाते हुए उसे निकालें ।
  •  (iv) बायें हाथ से स्लाइड को पीछे रोके रखें और दाहिने हाथ के अंगूठे स सेफ्टी कैच को नीचे की तरफ दबायें और स्लाइड पर कन्ट्रोल रखते हुए उसे आगे जाने दें और बॉडी से अलग करें । 
  • (v) स्लाइड को उल्टा करके बायें हाथ से पकड़ें और दाहिने हाथ से मेन स्प्रिंग को मजल की तरफ खींचते हुए मेन स्प्रिंग और गाइड को बाहर निकालें। 
  • (vi) बैरल को थोड़ा पीछे और ऊपर को उठाते हुए निकालें। 
मैगजीन को खोलना:-  बटम प्लेट को ऊपर उठाते हुए और स्प्रिंग पर काबू रखते हुए प्लेट, स्प्रिंग और प्लेटफार्म को बाहर निकालें इससे ज्यादा पिस्टल को न खोला जाय तथा खोले गये पुर्जे को साफ जगह

सफाई :-सफाई में काम आनेवाले सामान- चिन्दी, क्लियरिंग रॉड या पुलभू ब्रश. साफ कपड़ा और सूत।

  • (i) मौसम को ध्यान में रखते हुए पिस्टल की सफाई करें ।
  • (ii) पिस्टल को सीखे हुए तरीके से खोलें।
  • (iii) बैरल और चैम्बर की सफाई के लिए (10x712 am) चिन्दी का इस्तेमाल करें तथा (10x5 cm) चिन्दी का इस्तेमाल करते हुए तेल लगायें। 
  • (iv) चिन्दी. सूत और ब्रश की मदद से पिस्टल के बॉडी और अन्य हिस्सों को भी साफ करें। यकीन करें धूल, गर्दा तथा पुराने तेल के दाग साफ हो गये हैं। 
  • (v) यदि मैगजीन गीला या ज्यादा गंदा हो गया हो, तो मैगजीन की सफाई करें। ध्यान रहे कि मैगजीन को बार-बार न खोला जाय। 
  • (vi) पिस्टल के अन्दर और बाहरी हिस्सों पर हल्का तेल लगायें । 
  • (vii) पिस्टल को जोड़ें और स्लाइड को आगे-पीछे हरकत दें ताकि सभी पुर्जा में तेल बराबर हो जाय। 
जोड़ना :-जोड़ने की कार्रवाई इस प्रकार की जाय - 

  • (i) मैगजीन का जोड़ना-सिंग को पहले प्लेटफार्म पर लगायें और प्लेटफार्म का मोटा वाल मैगजीन के सामने की तरफ रखते हुए सिंग और प्लेटफार्म को मैगजीन में डालें। स्प्रिंग पर काबू रखते हुए बटम प्लेट का कैच वाला हिस्सा आगे की तरफ रखते हुए बटम प्लेट को खिसकाएँ.  यकीन करें कि बटम प्लेट सही जगह पर बैठ गया है। 
  • (ii) पिस्टल को जोड़ने से पहले यकीन करें कि पिस्टल के हिस्से-पूर्जे का नम्बर सही है। 
  • (iii) स्लाइड को बायें हाथ से उल्टा पकड़ते हुए बैरल को स्लाइड में डालें. मजल आगे की तरफ धकेल दें जबतक की बैरल ठीक से बैठ न जाय, फिर पीछे की ओर खींचें । 
  • (iv) प्लंजर का लूप नीचे की ओर रखते हुए मेन सिंग और प्लंजर को आपस में लगायें । 
  • (v) स्लाइड के निचले और पिछले हिस्से को पिस्टल के बॉडी पर बने हुए फ्रंट गाइड पर रखें और स्लाइड को इतना पीछे खींचें कि सेफ्टी कैच आगेवाले कटाव में लग जाये। 
  • (vi) लॉकिंग लीवर को स्लाइड के बॉडी पर लगायें और इतना दबायें कि सही तरीके से अपनी जगह पर बैठ जाय। 
  • (vii) यकीन करें कि लॉकिंग लीवर का पिछला हिस्सा नीचे हैं । स्लाइड को पीछे रोकते हुए सेफ्टी कैच को नीचे की तरफ दबाएँ और स्लाइड को आगे जाने दें। 
  • (viii)खाली मैगजीन को चढ़ाएँ और बैरल को ऊपर करके ट्रिगर प्रेस करें। अगर पिस्टल में लाइन यार्ड लगाना हो तो छोटी गाँठ को बट के रिंग में फंसायें बड़ी गाँठ को दाहिने या बायें कंधे में डालें। 

भाग 2- मैगजीन को भरना और खाली करना 

मैगजीन को भरना:- यकीन करें कि मैगजीन और राउण्ड साफ है, मैगजीन में खराबी न हो, जिससे फायर के दौरान रुकावट पड़े। मैगजीन को भरते समय राउण्डों की गिनती की जाय।  बायें हाथ से मैगजीन को ऐसे पकडें कि मैगजीन का छोटावाला भाग अपनी तरफ हो मैगजीन प्लेटफार्म के अगलेवाले किनारे को राउण्ड के पेंदे से दबाते हुए दोनो लीप्स के नीचे से आगे खिसकाओ। बायें हाथ के अंगूठे से राउण्ड के पेदे को दबाते हुए अन्य राउण्ड ऊपरवाले राउण्ड पर रखते हुए नीचे और आगे की तरफ करें। हर राउण्ड को भरते समय यकीन किया जाय कि राउण्ड का पेदा मैगजीन की दीवार के साथ लगा हुआ है। इस प्रकार मैगजीन में 13 राउण्ड भरे जाते हैं।

मैगजीन को खाली करना:- बायें हाथ से मैगजीन को इस तरह पकड़ें की राउण्ड का बुलेटवाला हिस्सा नीचे की तरफ हो। अंगूठे से राउण्डों को एक-एक करके बाहर निकालें और उन्हें साफ जगह पर रखे। गिनती करें व डिच में वापस बंद करें। मैगजीन को वापस पिस्टल केश में रखें और केश को बंद करे। ऐसी हालात में जब मैगजीन को भरा हुआ रखने की जरूरत पड़े तो समय व हालात के अनुसार दिन में एक दफा खाली करके रख दिया जाये ताकि मैगजीन का किंग सही काम करे (अगर सफाई करने की जरूरत हो तो मैगजीन व राउण्डों को साफ करें)

नोट - क्लास को मैगजीन भरने व खाली करने पर अभ्यास लिया जाये।

भाग 3-पिस्टल को भरना और खाली करना

भरना:-पिस्टल भर के आदेश पर पिस्टल गिप को पकड़ते हुए पिस्टल को केश से बाहर निकालें, भर पोजीशन अख्तियार करें। मजल को सुरक्षित दिशा में रखते हुए कलमे वाली अंगुली को ट्रिगर गार्ड के आर-पार रखें। दाहिने हाथ के अंगूठे से मैगजीन कैच को दबाते हुए खाली मैगजीन को उतारें और केश में रखें, केश से भरी मैगजीन को निकालें और मैगजीन वे में बैठायें और यकीन करें कि मैगजीन ठीक से फिट हो गया है। पिस्टल को शीघ्र ही इस्तेमाल में लाने की जरूरत न हो तो पिस्टल वापस केश में रखे और केश बंद करे।

खाली करना - अगर पिस्टल से फायर न करना हो या हुक्म मिले खाली कर तो कार्रवाई इस प्रकार करे -

  • (क) होल्स्टर से पिस्टल निकालकर (निकाल पिस्टल के हुक्म पर) भर पोजीशन में लाये।
  • (ख) मैगजीन कैच दबाते हुए पिस्टल से भरी मैगजीन को निकालें और होल्स्टर में रखें।
  • (ग) पिस्टल को बाथी तरफ घुमाएँ, स्लाइड के पिछले हिस्से को पकड़ें और पीछे खींचें स्लाइड को पीछे रोकते हुए चेम्बर का मुलाहिजा करें। अगर बॉडी और चेम्बर खाली हो तो स्लाइड को आगे जाने दें। 
  • (घ) खाली मैगजीन को चढ़ाएँ और ट्रिगर को प्रेस करें। पिस्टल को वापस होल्स्टर में बंद करें।

अभ्यास- पिस्टल भरने और खाली करने का क्लास से अभ्यास कराया जाय।

संक्षेप:- सवाल-जवाब द्वारा सबक को दोहराय जाय तथा क्लास के शक सवाल को दूर किया जाय।

इसके साथ ही 9 mm पिस्टल की सुरक्षा , खोलना, जोड़ना, भरना और खाली करना   से  सम्बंधित IWT का पाठ समाप्त हुवा !उम्मीद है की आपलोगों के ए पोस्ट पसंद आएगी ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे! 

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14 सितंबर 2022

9 mm पिस्टल का परिचय विशेषताए और बेसिक डाटा

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9 mm Pistol Browning FN
9 mm Pistol Browning FN
1.परिचय - सन् 1825 ई० में जॉन ब्रोइंग नामक वैज्ञानिक ने इसका डिजायन किया था। बेल्जियम के फेबिक्स नेशनल हर्टल फैक्ट्री ने तैयार किया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यह पिस्टल संशोधित कर कई देशों में तैयार किया जाने लगा। भारत में ऑडीनेन्स फैक्ट्री इशापुर (प०बंगाल में) तैयार किया जाता है। 9 एम. एम ब्राउनिंग पिस्टल मुठभेड़ की लड़ाई में इस्तेमाल होने वाला खास हथियार है। लम्चे रेंजों के हथियारों के साथ-साथ नजदीक रेंज वाले हथियार का उतना ही महत्व है. जितना कि लम्चे रेंज तक फायर करनेवाले हथियारों का महत्व है | 9 एम.एम. पिस्टल के अंदर तेज फायर करने की क्षमता है। साथ ही एक हाथ से फायर किया जा सकता है। इसको फायर करने के लिए सहारे की जरूरत कम पड़ती है। इसमें 9 एम.एम. बॉल एम्युनिशन इस्तेमाल किया जाता है। मैगजीन की सुविधा होने के कारण जल्दी-जल्दी फायर करके दुश्मन को बर्बाद किया जा सकता है। इसमें सुरक्षा का खास ध्यान रखना पड़ता है। मुठभेड़ में कम रेंज. गली-कूची में हथियार का इस्तेमाल कारगर साबित होता है।

9 एम.एम. पिस्टल का टेक्निकल डाटा :

  • (i) बिना मैजगीन पिस्टल का वजन - 910gm
  • (ii) खाली मैगजीन का वजन- 75 gm
  • (iii) भरी मैगजीन का वजन - 200 gm
  • (iv) भरी मैगजीन के साथ वजन-1.1 kg
  • (v) पिस्टल की लम्बाई- 8.7 inch
  • (vi) बैरल की लम्बाई-- 4.75 inch
  • (vii) साइड रेडियस-6.25 inch
  • (vii) मजल वेलोसिटी-- 305 mt./Sec.
  • (ix) कारगर रेंज-15 गज
    • 10 गज बेटल क्रौच पोजीशन से
    • 50 गज स्पोर्ट फायर इफेक्टिव रेंज
  • (x) मैगजीन क्षमता- 13 राउण्ड
  • (xi) मैगजीन का प्रकार-- Box Type

9 mm Pistol parts
9 mm Pistol Browning FN
9 mm Pistol parts
9 mm Pistol parts

इसके साथ ही 9 mm  पिस्टल ब्राउनिंग ऍफ़ एन का परिचय तथा विशेषताए   से  सम्बंधित IWT का पाठ समाप्त हुवा !उम्मीद है की आपलोगों के ए पोस्ट पसंद आएगी !
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इन्हें भी पढ़े :

  1. Basic data of 5.56mm INSAS and It characteristics.
  2. 5.56mm INSAS ki chal in hindi , 5.56mm INSAS की चाल हिंदी में.
  3. 9 mm पिस्तौल ब्राउनिंग का बेसिक टेक्नीकल डाटा
  4. 7.62 mm एसएलआर राइफल की खुबिया और खामिया
  5. 9 mm पिस्तौल का खुबिया और खामिया
  6. .303 LE राइफल का इतिहास
  7. Lee Enfield .303राइफल का टेक्नीकल डाटा
  8. Lee Enfield 303राइफल की खूबिय और खामिया
  9. 9 mm कार्बाइन मचिन या सब मचिन गन का इतिहास और खुबिया
  10. 9mm कार्बाइन का टेक्नीकल डाटा -II

9 mm कार्बाइन मशीन गन की चाल और रोके के IWT सरल भाषा में

पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने  9 mm कार्बाइन मशीन गन के मैगज़ीन को भरना, कार्बाइन को भरना, कार्बाइन को खाली करना और फायर करना  के बारे जानकारी प्राप्त की और अब इस इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग के इस लेसन में हम 9 mm कार्बाइन मशीन गन की चाल और रोके के IWT सरल भाषा में जानेगे (9 mm  Carbine Machine Gun ki chal aur roke ki IWT Saral shabdo me   ) ! इस पोस्ट को आसान बनानके लिए हमने इसे कांस्टेबल के बेसिक ट्रेनिंग में जिस क्रमबद्ध तरीके से सिखाया जाता है उसी क्रम में लिखेगे! 
9 mm Carbine Machine gun
9 mm CMG
1. शुरू-शुरू का कामः-
  • (क) क्लास की गिनती और ग्रुपों में बाँट
  • (ख) हथियार और सामान का निरीक्षण
  • (ग) बंदोबस्ती की कार्यवाही 
2 दोहराई- पिछले सबक से प्रश्न पूछे जायें तथा कारवाईन को नरना, खाली करने का अभ्यास कराया
जाय।
3. पहुँच -सी.एम.जी. हल्के वजन का हथियार है। साथ ही सो बैक के साथ ए.पी.आई. के सिद्धांत पर
चालन क्रिया करता है। लड़ाई में किसी भी जवान को फायर करने का मौका मिल सकता है। इसलिए हर एक जवान को सी.एमजी. की चाल जानना आवश्यक है. ताकि फायर के दौरान किसी प्रकार के
हादसे से बच सके। यह तभी संभव है. जब जवान अच्छा प्रशिक्षण पाया हुआ हो।
4. उद्देश्य -9 एमएम. कारबाईन की चाल और पड़नेवाली रोकों को दूर करने का तरीका सिखाना है।
(उद्देश्य को दोहराये)।
5. सामान :- सी.एम.जी., मैगजीन, ड्रील काट्रिज, टारगेट फिगर 11 और ग्राउण्डशीट।
6. भागों में बाँट -
  • भाग 1- कारबाईन की चाल और सेफ्टी।
  • भाग 2- तुरन्त उपायों से रोकों को दूर करना।
भाग 1- कारवाईन की चाल और सेफ्टी
कारवाईन की चाल और सेफ्टी :- (नमूना बयान से) पहले खुली हुई कारबाईन पर चाल बताया जाय, इसके बाद जुड़ी हुई कारबाईन पर चाल सवाल-जवाब से पूरा किया जाय । 9 एम.एम. कारवाईन की चाल दो एक्शनों में पूरा होता है-
  • 1. ब्लो बैक
  • 2 एडवांस प्राइमर इग्निशन (API) |
चाल - जब चेंज लीवर के पोजीशन को 'एस' से आर' या 'ए पर करके ट्रिगर को दबाते हैं, तो सियर नीचे दब जाता है, जिससे सियर ब्रिज लॉक वेन्ट से अलग हो जाता है और ब्रिज ब्लॉक रिटर्निंग स्प्रिंग की ताकत से आगे की हरकत करता है. इस दौरान ब्रिज ब्लॉक का फीड हार्न मैगजीन के ऊपरवाले राउण्ड को बायें से दायें घुमाते हुए चैम्बर में दाखिल करता है। जैसे ही राउण्ड चेम्बर में दाखिल होता है ब्रिज लॉक आगे का हरकत जारी रहता है। इस दौरान राउण्ड 0.3 इंच दाखिल होने के लिए बाकी रहता है, वैसे ही फिक्स फायरिग पिन प्राइमर पर ठोकर मारता है और राउण्ड फायर हो जाता है। राउण्ड फायर होने से गैस पैदा होती है, जो बुलेट को बैरल में आगे धकेलती है. गैस सेफ लेवल पर होता है ।
गैस के निम्नलिखित काम हैं-
  • (क) भारी ब्रिज ब्लॉक को आगे जाने से रोकता है
  • (ख) बुलेट को आगे धकेलता है
  • (ग) खाली केश को पीछे लाता है
  • (घ) ब्रिज ब्लॉक को पीछे लाता है। ज्योंही बुलेट मजल को छोड़ता है. उसी दौरान फायर केश और ब्रिज ब्लॉक पीछे की हरकत करता है। फायर केश एजेक्टर से टकराकर एजेक्शन स्लॉट के रास्ते दाहिनी ओर नीचे गिर जाता है और ब्रिज ब्लॉक पूरा पीछे आ जाता है। जब ब्रिज सॉक पूरा पीछे रहता है, तो ब्रिज ब्लॉक का वेन्ट सियर में फंस जाता है।
सेफ्टी (सुरक्षा)-सुरक्षा के बारे में बताने से पहले कारवाईन की खूबियाँ और कमियाँ बताना जरूरी है।
खूबियों :-
  • (1) 9 एम.एम. कारवाईन का काट्रिज पैरलल होने के कारण चेम्बर में सही बैठता है। फायर होने पर गैस को पीछे नहीं आने देता है। यह कार्टिज ब्लो बैंक के सिद्धांत को पूरा करता है।
  • (2) भारी ब्रिज ब्लॉक API के सिद्धांत को पूरा करने के लिए बनाया गया है। भारी बिज लॉक के कारण फायर के एक्यूरेसी में अंतर देता है जिससे एम.पी.आई.2 इंच नीचे बनता है।
  • (3) लो पावर एम्यूनिशन फायर होने से धक्का नहीं लगता है और फायर की रफ्तार को बढ़ाता है। साथ ही ब्लो बैक के सिद्धांत को भी पूरा करता है।
कमियों :- इस हथियार की तीन कमजोरियों हैं-
  • (1) हैण्ड चैम्चरिंग
  • 2) हैंग फायर
  • (3) अर्ली इग्नेशन।
भाग 2- तुरन्त उपायों से रोकों को दूर करना
तुरन्त उपायों से रोकों को दूर करना:-9 एमएम कारबाईन में बहुत कम रोके पड़ती है। अगर किसी कारण रोकें पड़ जाती हैं. तो तुस्त उपाय से उसे दूर किया जाता है। तुरन्त उपाय से पाँच प्रकार के रोकों को दूर किया जाता है -
  • (क) खाली मैगजीन
  • (ख) अनफिट मैगजीन
  • (ग) बॉडी में रोक
  • (घ) मिस फायर
  • (ड.) साइज से मोटा राउण्ड।
रोक दूर करने का तरीका- यदि कारबाईन शुरू से ही फायर न करे या फायर करते-करते रुक जाय, तो कार्रवाई इस प्रकार करें -
  • (i) कलमे वाली अंगुली को ट्रिगर से बाहर निकालें तथा कारबाईन को भर पोजीशन में लायें।
  • (ii) कारवाईन को कॉक करें, बायें टर्न करते हुए एजेक्शन स्लॉट से मैगजीन चैम्बर का निरीक्षण करें, देखने से पता चला मैगजीन खाली. चेम्बर खाली तो खाली मैगजीन समझकर मैगजीन कैच दबाते हुए मैगजीन को उतारे और पाउच में रखें पाउच से भरी हुई मैगजीन को लें और सरसरी निगाह से चेक करते हुए मैगजीन वे में दाखिल करे और यकीन करें कि मैगजीन बैठ गया है और फायर को जारी करें।
  • (in) यदि देखने से पता चला कि मैगजीन भरा चेम्बर खाली तो अनफिट मैगजीन समझकर बाये हाथ से मैगजीन को ठीक से बैठायें, शिस्त लें और फायर करें।
  • (iv) यदि देखने से पता चला कि बॉडी में फायर केश या लटका हुआ राउण्ड हो तो कारबाईन को बायें टर्न करें और आगे-पीछे हिलाएँ। फायर केश या राउण्ड बाहर आ जायेगा। फायर को जारी करे।
  • (v) यदि देखने से पता चला मैगजीन भरा. चेन्बर खाली और इजेक्ट किया हुआ राउण्ड हो तो राउण्ड के पेदे को चेक करें। अगर पेदे पर चोट हो तो मिस फायर का रोक समझकर शिस्त लें और फायर करे।
  • (vi) देखने से पता चला मैगजीन भरा, चेम्बर भरा तो कार्रवाई इस प्रकार करें- कारबाईन को 45 डिग्री ऊपर करते हुए आगे-पीछे हिलायें, राउण्ड निकल जायेगा। यदि नहीं निकला तो सीखे हुए तरीके मैगजीन को उतारें, दोनो पाँव को मिलाएँ. कारबाईन को कंधे पर ले जायें दायें-बायें 10 गज देखें कोई जानदार चीज तो नहीं, है अगर न हो तो फायर करें। साइज से मोटा राउण्ड का रोक दूर हो जाएगा । पोजीशन में जायें, शिस्त लें और फायर करें । इस प्रकार तुरन्त उपाय से पाँच प्रकार की रोकों को दूर किया जाता है ।
नोट :- रात के समय रोक को टटोलकर पता किया जाता है। अभ्यास रोकों का पता लगाने और दूर करने का अभ्यास कराया जाय ।
संक्षेप - सवाल-जवाब द्वारा सबक को दोहराया जाय तथा क्लास के शक-सवाल को दूर किया जाय।
इसके साथ ही 9 mm  कार्मबाइन  मशीन केचाल और रोके  से  सम्बंधित IWT का पाठ समाप्त हुवा !उम्मीद है की आपलोगों के ए पोस्ट पसंद आएगी !
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  1. Basic data of 5.56mm INSAS and It characteristics.
  2. 5.56mm INSAS ki chal in hindi , 5.56mm INSAS की चाल हिंदी में.
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